PAK सेना बलूचिस्तान खाली करो वरना 1971 से भी खराब नतीजे भुगतने पड़ेंगे- ब्रहमदाग बुगती
बलूचिस्तान ,01 सितम्बर(इ खबरटुडे)। बलोच रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष ब्रहमदाग खान बुगती ने दो टूक कहा है पाकिस्तान से किसी भी बातचीत से पहले पाकिस्तानी सेना को बलूचिस्तान को छोड़ना होगा. बुगती ने चेतावनी दी कि पाकिस्तानी सेना ने ऐसा नहीं किया तो उसे 1971 से भी ज्यादा बुरे नतीजे भुगतने पड़ेंगे.
पीएम मोदी का फिर से शुक्रिया अदा किया
बुगती ने बलूचिस्तान के लोगों पर पाकिस्तान के अत्याचारों का मुद्दा उठाने के लिए एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया जताया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस्लामाबाद में बैठे पाकिस्तानी अधिकारियों का मंसूबा बलूच लोगों को पूरी तरह खत्म करने का है. बुगती ने इस मुद्दे को नहीं उठाने के लिए पाकिस्तानी मीडिया को भी जमकर लताड़ लगाई.
बुगती ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘पाकिस्तानी सरकार और मीडिया की जिस तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, वो हैरान करने वाली नहीं बल्कि ओछी हैं. पाकिस्तान सरकार, सेना और मीडिया की रणनीति बलोच लोगों को ख़त्म करने की है. इसके सबूत बार बार देखने को मिलते रहे हैं.’ बुगती ने पाकिस्तानी मीडिया को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वो बलूचिस्तान की बहुत मुश्किल से कोई खबर दिखाता है. लेकिन जहां तक पाकिस्तान का सवाल है तो छोटी से छोटी घटना को भी बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाता है.
पाकिस्तानी मीडिया पर बरसे
बुगती ने कहा, ‘अगर हम बलूचिस्तान में दमन या ऑपरेशन की बात करें तो साल-छह महीने में मीडिया में इस पर कोई खबर दिखाई जाती है, वो भी सेंसर होने के बाद. अभी तक किसी भी मीडिया हाउस के किसी भी एंकर ने बलूचिस्तान के बारे में कुछ नहीं बोला है.’ उन्होंने सवाल किया, ‘हर दिन कई पुरुषों और महिलाओं की हत्या होती है. कई को उनके घर से खींच कर निकाल लिया जाता है. कई को अगवा कर लिया जाता है. फिर उन पर बुरी तरह जुल्म बरपाने के बाद शवों को सड़कों पर छोड़ दिया जाता है. क्या कभी मीडिया का इस ओर ध्यान गया?’
बलूच बातचीत के लिए तैयार, लेकिन पहले सेना बलूचिस्तान छोड़े
बुगती ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया बलूच नेताओं के बयानों को तोड़मोड़ कर दिखाता है जिससे भ्रम फैले और उनके लोग मूर्ख बन सकें. पाकिस्तानी मीडिया की अनदेखी की वजह से ही दूसरों ने इस मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया है. बुगती ने पाकिस्तानी सेना पर आरोप लगाया कि जब लोगों ने बलूचिस्तान के मुद्दे को उठाना शुरू किया तो उसने इस मुद्दे को भटकाना और दबाना शुरू कर दिया. बुगती ने दो टूक कहा कि बलूच लोग बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए पहले पाकिस्तानी सेना को बलूचिस्तान को छोड़ना होगा.
बलूच नेता ने कहा, ‘मैंने पाकिस्तानी अधिकारियों की तरफ से ऐसे बयान देखे कि वे बात करना चाहते हैं. हमने कभी नहीं कहा कि हम बात नहीं करना चाहते. ये पाकिस्तानी सेना है जो किसी भी मु्द्दे को ताकत के जरिए दबाना चाहती है. पाकिस्तानी सेना लोगों को बंधक बना कर रखना चाहती है. हम बातचीत के लिए तैयार है. लेकिन इसके लिए पाकिस्तानी सेना को पहले बलूचिस्तान से वैसे ही हटना होगा जैसे कि उसने 1971 में बांग्लादेश से किया था.’
‘पाकिस्तान कभी हमारा देश नहीं रहा’
बुगती ने कहा, ‘ये बलूच लोगों की भूल थी कि उन्होंने पिछले 50 साल से समानता के अधिकार के साथ पाकिस्तान का हिस्सा बनने की कोशिश की. अब हमने फैसला किया है कि हम पाकिस्तान के साथ जबरदस्ती नहीं रह सकते. पाकिस्तान हमारा कभी देश नहीं रहा और ना ही कभी होगा. हमें दबाव देकर पाकिस्तान के साथ रहने के लिए मजबूर किया गया. मुझे गद्दार कहा जाता है. इस पर मेरा कहना है कि जब मैं पाकिस्तानी नागरिक ही नहीं हूं तो गद्दार कैसे हो सकता हूं.’
‘एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने बेवकूफी की’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा के लिए अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने पर बुगती ने कहा, ‘पाकिस्तान ने ऐसा करके मूर्खतापूर्ण काम किया. हमारा पाकिस्तान के साथ कोई रिश्ता नहीं है. पाकिस्तानी अधिकारी इस बलूच नेता ने कहा कि उन्होंने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, मैं कहता हूं कि एक ही क्यों 500 एफआईआर दर्ज करो. ऐसी एफआईआर मेरा बाल बांका नहीं कर सकतीं.’ बुगती ने बलोच लोगों का मुद्दा उठाने के लिए अफगानिस्तान और बांग्लादेश का भी शुक्रिया जताया. बुगती ने कहा कि भारतीय अधिकारियों, मीडिया, लोगों ने जिस तरह समर्थन दिया उसका आभार शब्दों में नहीं जताया जा सकता. बुगती ने उम्मीद जताई कि भारत से उन्हें भविष्य में भी ऐसा समर्थन मिलता रहेगा.