Loud Speaker Case : मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटाने के मामले में मुस्लिम व्यक्ति को नहीं बनाया जाएगा पक्षकार,न्यायालय ने निरस्त किया आवेदन
रतलाम,22 जून (इ खबरटुडे)। जिले की मस्जिदों पर लगे लाउड स्पीकर हटाने को लेकर चल रहे न्यायालयीन प्रकरण में मुस्लिम व्यक्ति को पक्षकार नहीं बनाया जाएगा। न्यायालय ने इस सम्बन्ध में प्रस्तुत आवेदन को निरस्त कर दिया है। प्रकरण की अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी।
उल्लेखनीय है कि मस्जिदों पर लगे लाउड स्पीकर से होने वाले पब्लिक न्यूसेंस पर रोक लगाने और लाउड स्पीकर जब्त करने को लेकर अधिवक्ता तुषार कोठारी ने अपने चार पक्षकारों राजेश कटारिया,दशरथ पाटीदार,सतीश त्रिपाठी और किशोर सिलावट की ओर से एक जनहित वाद न्यायालय में दायर किया था। इस प्रकरण को सुनवाई में लिए जाने के बाद न्यायालय ने जिला दण्डाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
इस बीच जयभारत नगर निवासी एजाज मोहम्मद पिता रमीज मोहम्मद ने न्यायालय में आदेश 1 नियम 10 सीपीसी केतहत एक आवेदन प्रस्तुत कर स्वयं को प्रकरण में पक्षकार बनाए जाने का निवेदन किया था। एजाज मोहम्मद का कहना था कि वह एक मुस्लिम धर्मावलम्बी है और प्रस्तुत प्रकरण मुस्लिम धर्मस्थल मस्जिद से लाउड स्पीकर हटाए जाने के सम्बन्ध में है। इससे उसके हित प्रभावित होते है। वादीगण के अधिवक्ता तुषार कोठारी ने इस आवेदन का विरोध करते हुए इसे निरस्त करने का निवेदन किया था।
जिला न्यायालय की तृतीय व्यवहार न्यायाधीश श्रीमती ज्योति राठौर ने दोनो पक्षों के तर्क सुनने के बाद मंगलवार को एजाज मोहम्मद का आवेदन निरस्त कर दिया। विद्वान न्यायाधीश श्रीमती ज्योति राठौर ने अपने आदेश में कहा कि वादीगण ने जिला दण्डाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को पक्षकार बनाते हुए उनके विरुद्ध अनुतोष चाहा है ना कि किसी व्यक्ति या समुदाय से कोई अनुतोष चाहा है। विद्वान न्यायाधीश श्रीमती राठौर ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा1992 में दिए गए एक निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि प्रस्तुत प्रकरण में आवेदनकर्ता को पक्षकार बनाए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि वह वादीगण के विरुद्ध कोई अनुतोष चाहता है तो वह पृथक से वाद लाने के लिए स्वतंत्र है।
प्रकरण की अगली सुनवाई 4 जुलाई निर्धारित की गई है। 4 जुलाई को प्रकरण में शासकीय अधिवक्ता द्वारा प्रकरण की पोषणीयता को लेकर प्रस्तुत की गई आपत्ति पर दोनों पक्षों के बीच बहस होगी।