May 18, 2024

Man ki Baat : पीएम ने की किसानों का मन बदलने की कोशिश, उदाहरण देकर बताए कृषि कानूनों के फायदे

नई दिल्ली,29 नवंबर( (इ खबरटुडे)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ के जरिए नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का मन बदलने का फिर से प्रयास किया है। उन्होंने कुछ किसानों का उदाहरण देकर इन कानूनों के फायदों का जिक्र किया। ध्यान रहे कि पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान इन्हीं कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्षी दल भी कृषि कानूनों को ‘काला कानून’ बता रहे हैं।

नए कानूनों ने किसानों को दिए नए अधिकार और नए अवसर: पीएम

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में, किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है। काफी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं, नए अवसर भी मिले हैं।’

‘नए कृषि कानून के इस्तेमाल से किसान ने वसूला बकाया’

उन्होंने ने महाराष्ट्र के एक किसान जितेंद्र भोइजी का जिक्र किया और बताया कि कैसे उन्होंने नए कानून का फायदा उठाकर अपना बकाया वसूल कर लिया। पीएम ने कहा, ‘कानून में एक और बहुत बड़ी बात है, इस कानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एस.डी.एम (SDM) को एक महीने के भीतर ही किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा। जब ऐसे कानून की ताकत हमारे किसान भाई के पास थी, तो उनकी समस्या का समाधान तो होना ही था, उन्होंने शिकायत की और चंद ही दिन में उनका बकाया चुका दिया गया।’

राजस्थान के मोहम्मद असलम की तारीफ

पीएम ने राजस्थान के किसान मोहम्मद असलम की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि मोहम्मद असलन ने किसानों में जागरूकता बढ़ा रहे हैं। राजस्थान के बारां जिले में रहने वाले मोहम्मद असलम जी। एक किसान उत्पादक संघ के सीईओ भी हैं। उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है, बड़ी बड़ी कम्पनियों के CEOs को ये सुनकर अच्छा लगेगा कि अब देश के दूर दराज वाले इलाको में काम कर रहे किसान संगठनों मे भी CEOs होने लगे हैं।’

पराली मैनेजमेंट से किसानों के फायदे की चर्चा

पीएम ने पराली प्रबंधन से किसानों को होने वाले फायदे का भी जिक्र किया। उन्होंने हरियाणा के वीरेंद्र के बारे में बताया कि वो किसानों को पराली मैनेजमेंट को लेकर जागरूक कर रहे हैं।

दिल्ली में जमे हैं हजारों किसान

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, केरल और पंजाब के किसान संगठनों ने 26 और 27 नवंबर को ‘दिल्ली मार्च’ का आह्वान किया था। इस आह्वान पर भारी संख्या में किसान दिल्ली की तरफ कूच कर गए। दिल्ली बॉर्डर पर उनकी पुलिस के साथ जबर्दस्त झड़प हुई। हालांकि, बाद में आंदोलनकारी किसानों को दिल्ली आने की अनुमति दी गई और अब वो बुराड़ी मैदान में डेरा जमाए हैं।

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