November 15, 2024

Voting Analysis : शहर के 259 बूथों पर हुए चुनावी संघर्ष में भैय्याजी को 218 पर मिली जीत,41 पर हारे,मुस्लिम इलाकों में नहीं मिला समर्थन ; यहाँ देखिए शहर की बूथवार गणना

रतलाम,04 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। विधानसभा चुनाव में रतलाम शहर से भाजपा के चैतन्य काश्यप भैय्याजी को 60 हजार से ज्यादा की बम्पर जीत मिलने के बाद अब चुनाव नतीजों के गहन विश्लेषण का दौर चल रहा है। रतलाम शहर के विस्तृत परिणामों के विश्लेषण से पता चलता है कि शहर के 259 बूथों पर हुए चुनावी संघर्ष में भैय्याजी को जहां 218 बूथों पर जीत मिली,वहीं 41 बूथों पर हार का सामना करना पडा। पराजय वाले सारे बूथ मुस्लिम बहुल इलाकों के है।

रतलाम शहर के चुनाव में भैय्याजी के पक्ष में चल रही लहर को देखते हुए पहले यह अनुमान लगाए जा रहे थे कि इस बार भैय्याजी को मुस्लिम मतदाताओं का साथ भी मिल सकता है। लेकिन बूथवार नतीजों ने इन अनुमानों को गलत साबित कर दिया। शहर के तमाम मुस्लिम बहुल इलाकों में भैय्याजी को हार का सामना करना पडा। जिन 41 बूथों पर भैय्याजी को हार का सामना करना पडा,उनमें से 10 बूथ तो ऐसे है,जहां भाजपा को मिले मतों की संख्या दो अंकों के आंकडे से आगे नहीं बढ पाई। ये आंकडे दर्शाते है कि पूर्णत: मुस्लिम बहुल बूथों पर भाजपा को मिलने वाले मत नगण्य ही रहे है। भैय्याजी को सबसे कम मत बूथ क्र.233 हाट रोड पर मिले। इस बूथ पर जहां भैय्याजी को मात्र 50 वोट मिले वहीं कांग्र्रेस को इस बूथ पर 460 वोट प्राप्त हुए। इस लिहाज से देखा जाए तो इस बूथ पर भाजपा को मात्र 10.8 प्रतिशत मत मिले,जबकि शेष सारे मत कांग्रेस को प्राप्त हुए।

बूथवार मतगणना के आंकडों पर नजर डाले तो शहर के सभी मुस्लिम बहुल इलाकों के बूथ पर भाजपा को करारी हार का सामना करना पडा है। इनमें सायर चबूतरा,चमारिया नाका,आफिसर कालोनी,आनन्द कालोनी जैसे इलाकों के मतदान केन्द्रों के अलावा जावरा रोड महावीर नगर और और हाट रोड जैसे इलाकों के बूथ शामिल है। इसके अलावा भरावा कुईं,नजर बाग कालोनी,घटला कालोनी,हाट रोड,गौशाला रोड,हाथी खाना,उंकाला रोड जैसे इलाकों के बूथ पर भी भैय्याजी को हार का सामना करना पडा है।

चुनाव नतीजों के दूसरे पक्ष देखें जाएं,तो शासकीय कर्मचारियों,वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग मतदाताओं द्वारा डाले गए पोस्टल बैलेट के मामले में भी भाजपा ने जीत दर्ज की है। डाक मतपत्र की गणना के हिसाब से भैय्याजी को 1593 मत प्राप्त हुए जबकि कांग्रेस को 1037 मत मिले। इससे पहले के चुनावों में आमतौर पर डाक मतपत्रों में भाजपा को अच्छी बढत मिला करती थी,लेकिन इस बार कर्मचारियों में ओपीएस के मुद्दे को लेकर नाराजगी के चलते भाजपा की बढत कम हुई है। शहर के मतदाताओं ने नोटा के विकल्प का उपयोग कम ही किया। शहर में कुल 1387 मत नोटा में गए,जो कि कुल मतदान का नगण्य हिस्सा है।

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