November 15, 2024

आंधी के साथ तेज बारिश, महाकाल लोक की कई मूर्तियां गिरी, बाल-बाल बचे श्रद्धालु:देखिए वीडियो

उज्जैन,28 मई(इ खबर टुडे)। रविवार शाम अचानक आई तेज आंधी व वर्षा से शहर में जनजीवन अस्त व्यवस्त हो गया। महाकाल महालोक में सप्तऋषि की सात में से छह मूर्तियां गिरकर क्षतिग्रस्त हो गईं। अन्य मूर्तियों को भी नुकसान पहुंचा है। श्रद्धालु समीप नहीं थे, इस कारण हादसा टल गया।

महाकाल मंदिर के समीप ही बरगद का पेड़ गिरा
महाकाल मंदिर के समीप ही विशाल बरगद का पेड़ गिरने से दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए। घटना के दो घंटे बाद भी राहत बचाव दल मौके पर नहीं पहुंचा था। महाकाल मंदिर के अतिरिक्त शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर पेड़ गिरे। घरों की चद्दरें उड़ गई। सुबह सांदीपनि आश्रम के सामने पेड़ गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हुई। अंचल के नागदा आदि क्षेत्रों में भी आंधी से खासा नुकसान हुआ है।

दोपहर बाद अचानक बदला मौसम
नवतपे के चौथे दिन रविवार को दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और गरजचमक के साथ तेज आंधी चलने लगी। हवा की गति इतनी तेज थी कि चंद मिनटों से सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गए। महाकाल मंदिर, देवास रोड, दशहरा मैदान,फ्रीगंज, खाकचौक, हिरामिल की चाल आदि क्षेत्रों में कई पेड़ उखड़कर गिर गए। कई की बड़ी-बड़ी डालियां टूटकर जमीन पर आ गिरी। हालांकि कहीं से भी किसी जनहान‍ि की सूचना नहीं मिली। फिर भी लोगों को अर्थिक नुकसान हुआ है।

गुणवत्ता पर उठ रहे थे सवाल
प्रदेश सरकार ने करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से श्री महाकाल महालोक का निर्माण कराया था। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महालोक का लोकार्पण किया था। इसके बाद से देशभर से हजारों भक्त प्रतिदिन इसे निहारने पहुंच रहे हैं। महालोक का निर्माण हुआ था इसके बाद से मूर्तियों की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो रहे थे। रविवार तेज आंधी ने इसकी गुणवत्ता की पोल खोल दी है। उल्लेखनीय है कि महालोक में शिव लीला का दर्शन कराती अनेक मूर्तियां स्थापित की गई हैं।

जानकारी के अनुसार हवा का जोर इतना तेज था कि महाकाल लोक में लगी अनेक मूर्तियां उखड़कर जमीन पर गिर गई। बताया जाता है कि जिस समय आंधी और बारिश का दौर आरंभ हुआ बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु महाकाल लोक में मौजूद थे। कुछ श्रद्धालु बाल-बाल बच गए।

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