November 15, 2024

दो साल पहले घर से लापता हुआ गुरविंदर सेवाभावी लोगो के सहयोग से मिला अपने परिवार से ,अपनों से मिलकर छल्के आंसू

रतलाम, 17 जून(इ खबर टुडे)। अज्ञात लावारिस को भटकते देख अब अनेक लोग अब सहयोग करने लगे हैं। उसी तरह घटना का स्वरूप 8 जून को डॉक्टर दिनेश राव ने ग्राम धामनोद मैं भटक रहे 50 वर्षीय व्यक्ति को भर्ती कराने के लिए समाजसेवी गोविंद काकानी से संपर्क किया और उसे जिला चिकित्सालय रतलाम भर्ती करवा दिया गया। जहां उसके पैर में लगी चोट का ड्रेसिंग कर इलाज शुरू कर दिया।

मनोरोगी मरीज से मिली जानकारी अनुसार उसका नाम गुरविंदर पिता मनिंदर सिंह रंधावा ग्राम जलाला उस्मान जिला अमृतसर, पंजाब का उसने बताया। उस अनुसार मीडिया कर्मी बंधु तुषार कोठारी एवं डॉक्टर दिनेश राव ने घरवालों को उसके रतलाम होने का समाचार भिजवा दिया। जिसे लेने परिवार जन तत्काल पंजाब से रवाना हो गए। जब यह बात मनोरोगी मरीज को पता लग गई तो वह मालूम पड़ते ही अस्पताल से गायब हो गया।

जिसका पता सुबह उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराने के लिए जाने पर मालूम पड़ा। समाजसेवी काकानी ने बताया कि हमेशा घरवालों के पहुंचने तक मरीज को भनक नहीं लगने देते हैं कि उसे लेने घर वाले आ रहे हैं। और यदि उसे मोबाइल से बात करवाई तो उसे आइसोलेशन वार्ड के पीछे वाले कमरे में सुरक्षित रखा जाता है।

निराशा में आशा का विश्वास
घर वाले पहुंचे तब उन्हें मालूम पड़ा कि गुरविंदर अस्पताल से निकल चुका है। थोड़ा मायूसी का वातावरण बना परंतु उसके पैर में चोट लगी है। ड्रेसिंग करवाने जरूर आएगा पक्का विश्वास था| इसी को ध्यान रखते हुए अस्पताल चौकी प्रभारी अशोक शर्मा एवं आइसोलेशन वार्ड में लावारिस व्यक्तियों की सेवा के लिए रखे गए गोलू भाई को फोटो दे कर बता रखा था।

सुबह-सुबह जिला अस्पताल आते वक्त अस्पताल चौकी प्रभारी प्रधान आरक्षक अशोक शर्मा को गुरविंदर जिला जेल के सामने दिखा। उसे नाश्ते का लालच देकर अस्पताल चौकी पर गोलू की मदद से ले आए और पंजाब से लेने आए परिजन भाई गुरदयाल, कुलवंत सिंह, बलजीत सिंह जोकि न्यू रोड गुरुद्वारे में भोजन, रहने की व्यवस्था के लिए ठहराए गए थे। उन्हें सूचना भेज दी वे तत्काल जिला अस्पताल पहुंच गए और गुरविंदर को पाकर खुशियों से आंखों में आंसू लिए उसे जीवित पाकर फूले नहीं समा रहे थे।

भाई गुरदयाल सिंह ने बताया कि गुरविंदर 2 वर्ष पूर्व गांव से बिना बोले निकल गया था तब से उसे हम परिवार वाले ढूंढ रहे थे परंतु कहीं इसका अता पता नहीं मिला। गांव में वृद्धा माता-पिता, दो भाई, बहन, पत्नी राजविंदर कौर ,बेटे जस करण ,तेजवीर ,सुखबीर सभी गुरविंदर के सकुशल होने का समाचार पाकर अति प्रसन्न है।

गुरविंदर को पंजाब रवाना करने से पहले डॉक्टर निर्मल जैन को दिखाकर मनोरोगी की दवाई दिलवा दी गई। साथ में पंजाब से आए भाई की तबीयत गड़बड़ हो रही थी| उन्हें भी उचित इलाज करवा कर दवाई दिलवा दी गई।

मनोरोगी को पंजाब तक भेजना बड़ा कठिन कार्य
मनोरोगी गुरविंदर को पंजाब से लेने आए गुरदयाल, कुलवंत व बलजीत भाइयों को गोल्डन टेंपल ट्रेन से रवाना होना था परंतु उनके पास रिजर्वेशन नहीं होने से समस्या विकराल नजर आई।

रेलवे की सराहनीय मदद मिली
जिला रोगी कल्याण समिति सदस्य एवं पूर्व में रेलवे सलाहकार समिति सदस्य गोविंद काकानी ने रेलवे के वीआईपी प्रदान करने वाले वकार भाई एवं श्रीवास्तवजी से संपर्क किया।उन्होंने समस्या हल करने के लिए अधिकारी डीसीएम मनोज वर्मा के पास भेजा। उन्होंने गंभीर समस्या को सुनकर आरक्षण की दोनों सीटें आवंटित कर दी। जिससे पूरा परिवार सुरक्षित गुरविंदर को लेकर कल 15 जून को अपने गांव सकुशल पहुंच गया।

लंबे समय बाद मिली चैन की नींद
शाम को गांव से भाई गुरुदयाल ने पूरे परिवार पिता मनिंदर सिंह, माता हरविंदर कौर, गुरविंदर की पत्नी राजवीर कौर एवं बेटो से वीडियो कॉलिंग बात करवाई। समाजसेवी काकानी ने जब पूछा गुरविंदर नजर नहीं आ रहा तो उन्होंने कहा देखो आया तब से चैन की नींद सो रहा है। अपनों से मिलकर चैन की नींद का अनुभव देखने का मिला।

सभी ने दिल से रतलाम के सेवाभावी डॉक्टर दिनेश राव, तुषार कोठारी , अशोक शर्मा,गोलू भाई, रतलाम गुरुद्वारा प्रबंधन समिति, जिला अस्पताल रतलाम, रेलवे विभाग एवं गोविंद काकानी का धन्यवाद दिया।

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