क़तर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी हुए रिहा, सात भारत भी लौटे
नई दिल्ली,12फरवरी(इ खबर टुडे)। पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत सरकार को एक बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है क्योंकि कतर ने सोमवार को उन 8 पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को रिहा कर दिया है, जिन्हें कथित तौर पर जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। इससे पहले नई दिल्ली के राजनयिक हस्तक्षेप के बाद दोहा ने पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों की मौत की सजा को कम कर के जेल की सजा में बदल दिया था।
क़तर के अमीर के आदेश पर भारतीयों की रिहाई हुई है। आठों भारतीयों को पहले मौत की सज़ा दी गई थी। एक अपील के बाद मौत की सज़ा बदल कर 5 से 25 साल तक की क़ैद की सज़ा दी गई थी। दूसरी अपील पर सुनवायी चल रही थी। इस बीच अमीर के आदेश पर रिहाई हो गई। सात भारतीय देश लौट गए हैं। भारत ने क़तर के अमीर का शुक्रिया किया है।
पीएम मोदी ने की थी कतर के शेख से मुलाकात
हाल ही में कतर की अदालत ने इन आठ पूर्व नौसैनिकों को फांसी की सजा सुनाई थी। कुछ दिनों के बाद सैनिकों की सजा को माफ कर दिया गया। दरअसल भारत और कतर के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध हैं। ऐसे में भारत ने शुरू से ही इस मामले को लेकर कतर से बातचीत जारी रखी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्द अल-थानी से दुबई में हुए सीओपी 28 सम्मेलन से इतर मुलाकात की थी। इस मीटिंग में पीएम मोदी ने पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई के मसले पर बात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी इस मीटिंग का जिक्र करते हुए ये बताया कि दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर एक अच्छी वार्ता हुई।
पिछले सप्ताह हुई थी भारत-कतर के बीत डील
गौर करने की बात ये भी है कि पूर्व नौसैनिकों की रिहाई उस समय हुई है, जब पिछले सप्ताह ही दोनों देशों के बीच एक अहम समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत भारत कतर से लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) खरीदेगा। ये डील अगले 20 सालों के लिए हुई है और इसकी लागत 78 अरब डॉलर है। भारत की पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (पीएलएल) कंपनी ने कतर की सरकारी कंपनी कतर एनर्जी के साथ ये करार किया है। इस समझौते के तहत कतर हर साल भारत को 7.5 मिलियन टन गैस निर्यात करेगा। इस गैस से भारत में बिजली, उर्वरक और सीएनजी बनाई जाएगी।