April 27, 2024

हमारा मूल दृष्टिकोण ही आध्यात्मिक है-मुख्यमंत्री डॉ.यादव; उज्जैन में विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी के तीन दिवसीय विमर्श कार्यक्रम में हुए शामिल

उज्जैन,11फरवरी(इ खबर टुडे)। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने माधव सेवा न्यास में विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी मध्य प्रान्त के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि हे भारत आध्यात्मिकता से विश्व विजयी बनो। यह विमर्श हमारा मूल दृष्टिकोण है। हम मूलत: आध्यात्मिक हैं। हमारा मूल दृष्टिकोण आध्यात्मिक है। सम्पूर्ण प्रकृति में परमेश्वर निहित है। उसे बस आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे इतिहास में हमारा प्राचीन ज्ञान-विज्ञान समाहित है। कुंभ का मेला नक्षत्र के अनुसार होता है। प्रत्येक बारह वर्ष में उज्जैन में सिंहस्थ का आयोजन किया जाता है। बाकी जगह आयोजित होने वाले मेले को कुंभ कहा जाता है, लेकिन उज्जैन में आयोजित होने वाले कुंभ को सिंहस्थ कहा जाता है। सिंहस्थ में विवेकानन्द एवं रामकृष्ण मिशन के मानने वाले भी आते हैं। परमेश्वर पूरी सृष्टि में विद्यमान है। डॉ.यादव ने कहा कि आध्यात्मिकता की यात्रा ही भारत की विकास यात्रा है। उज्जैन में स्थित डोंगला में स्टेण्डर्ड टाईम की गणना होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक जगदीशचंद्र बसु ने विदेशियों को बताया कि पौधों में प्राण होते हैं, लेकिन यह भावना प्राचीनकाल से ही हमारे मन में है कि पौधों में भी जीवन होता है। विमर्श कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने एकनाथ रनाडे के विचारों पर विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमार के विद्यार्थियों द्वारा लिखित पुस्तक ध्येयनिष्ठ जीवन का विमोचन किया।

मिडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे मालूम है स्वामी विवेकानंद के मानव जीवन कई जन्मों के पुण्य के बाद मिलता है,इसलिए मानव जीवन की सार्थकता होना चाहिए।समूचा समाज चराचर जगत में आध्यात्म फैला हुआ है। मैं विवेकानंद केंद्र के उद्धात विचारों की सराहना करता हुं और मैं स्वयं आज कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ। एक अच्छे विचार को लेकर एक बडा संगठन है में उनके प्रति शुभकामना देता हुं।

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की उपाध्यक्ष पद्मश्री डॉ.निवेदिता भिंडे ने कहा कि आध्यात्मिकता केवल एक उपासना तंत्र नहीं है अपितु आध्यात्मिकता के सम्बन्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि स्वभाव ही आध्यात्मिकता है। अपनेपन के दायरे में जो आता है, वह आध्यात्मिकता है। जो व्यक्ति परिवार, समाज और देश के बारे में सोचता है, वह आध्यात्मिकता ही है। डॉ.निवेदिता भिंड ने कहा कि भारत ने जब कोरोना का वेक्सीन बनाया तो न केवल अपने लोगों को दिया अपितु विश्व के 110 देशों को भी नि:स्वार्थ भाव से दिया। वहीं रूस, यूक्रेन की जंग में भारतीय के अलावा अन्य देशों के नागरिकों को भी वहां से निकाला। यह सब हमारी आध्यात्मिकता की ताकत है।

महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन की आर्थिक प्रगति तेजी से हुई है

प्रबंध निदेशक इंजीनियरिंग प्रा.लि. के प्रतीक पटेल ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने कहा है कि जो व्यक्ति सफल हो रहा है तो उसे प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को क्रिटिसाइज न करें अपितु अपनी बुद्धि एवं प्रतिभा पर भरोसा रखें। श्री पटेल ने कहा कि आज हमें अपनी संस्कृति, इतिहास एवं सभ्यता पर गर्व होता है।

महाकाल मंदिर के पास माधव सेवा न्यास में विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी की अखिल भारतीय अधिकारी बैठक में देश भर के 464 अधिकारी शामिल हुए। तीन दिवसीय बैठक का रविवार को समापन हुआ । यह आयोजन विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी द्वारा किया गया। 9 से 11 फरवरी तक देशभर के अधिकारियों ने विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के पूर्व में किए गए कार्यों पर मंथन किया गया । आगामी वर्ष को लेकर कार्य योजना बनाई गई। बैठक में आध्यात्म से भारत को विश्व विजय बनाना विषय पर चर्चा हुई।

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