मैं हूं बहुत ही व्यस्त, ये कहकर ना टालिए,परिवार के लिए भी कुछ वक्त निकालिए : प्रो. अजहर हाशमी
रतलाम 16 मई (इ खबर टुडे)। समाज में सौहाद्रपूर्ण वातावरण बने इसके लिए राज्य आनंद संस्थान निरंतर कार्य कर रहा है। इसी क्रम में अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस के अवसर पर आनंद विभाग रतलाम द्वारा वर्ष 2023 की थीम परिवार एवं जनसांख्यिकी परिवर्तन विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई।
जिला समन्वयक सीमा अग्निहोत्री के साथ रतलाम आनंद क्लब सदस्यों द्वारा वसुधैव कुटुंबकम को प्रोत्साहित करने वाले सुप्रसिद्ध कवि-शिक्षाविद् प्रो.अजहर हाशमी को उनके घर जाकर सम्मानित किया गया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता अजहर हाशमी ने कहा कि आय वितरण तो कोई भी कर सकता है लेकिन वितरण किस चीज का हो रहा है, ये जानना जरूरी है। जो आनंद का वितरण कर सकें, वही सबसे बड़ा अर्थशास्त्री है। उन्होने कहा कि भारतीय संस्कृति मूलतः आनंद की संस्कृति है। इसमें संतोष को ही सबसे बड़ा धन कहा गया है।
दान का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि दूसरों का भोजन छीनकर खाना विकृति है। अपना भोजन करना प्रकृति है और स्वयं भूखे रहकर दूसरे को भोजन कराना ही संस्कृति है। संयुक्त परिवार का महत्व बताकर उन्होने कहा कि घर में परिवार सभा होनी चाहिए। चाहे हम कितना भी व्यस्त हो, लेकिन अपने परिवार को समय देना बहुत जरूरी है।
परिवार दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में आनंद विभाग के मास्टर ट्रेनर सीमा अग्निहोत्री, गिरीश सारस्वत, पुष्पेंद्र सिंह सिसौदिया एवम आनन्दक मधु परिहार, सुरेंद्र अग्निहोत्री, पवन मकवाना, श्वेता नागर और अमित वर्मा भी सम्मिलित हुए और सभी ने अपने विचार रखे। प्रो अज़हर हाशमी द्वारा आनंदकों को उनके काव्य संग्रह छोटी सी बाती रोशनी की पुस्तक का वितरण किया गया।