December 23, 2024

रतलाम \कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार का सुस्त रवैया भारी :आदेश के बावजूद नहीं हटा दिलीप नगर में कबाड़ का अतिक्रमण ,आमजन परेशान

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रतलाम ,01जनवरी(इ खबर टुडे)। रतलाम शहर में बीते 15 दिनों से जारी अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही ने जनता का ध्यान अपनी ओर खींच रखा है। जहा इस कार्यवाही से अतिक्रमण करने वालो में भय का माहौल बना हुआ है। वही शहर के कुछ क्षेत्र ऐसे भी है जहां फैले अतिक्रमण की जानकारी प्रशासन तक नहीं पहुंच रही है ,जिसे लेकर रतलाम कलेक्टर ने शहर तहसीलदार को ऐसे क्षेत्रों के नाम साथ ही अन्य क्षेत्रों को चिन्हित करने के आदेश भी दिये थे। लेकिन आदेश के 15 दिनों के बाद तहसीलदार की ओर से कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई।

जानकारी के अनुसार रतलाम शहर में बीते कई वर्षो में दर्जनों कलेक्टर और प्रशासनिक अधिकारियो के तबादले हो चुके है। लेकिन कुछ क्षेत्रों के अतिक्रमण यथा स्थिति में आज भी मौजूद है। ऐसा ही एक ऐतिहासिक अतिक्रमण शहर के वार्ड क्रमांक 28 अंतर्गत दिलीप नगर क्षेत्र का है जहा एक कबाड़ व्यवसाई द्वारा निगम की पूरी आर.सी.सी रोड पर अपना अतिक्रमण फैला रखा है। जिसके चलते क्षेत्र में गन्दी फैली रहती है। वही आसपास के लोगो को अपने निवास स्थल पहुंचने के लिए मार्ग बदल कर जाना पड़ता है।

निगम अधिकारियो को पूर्व में इस विषय को लेकर कई बार शिकायते दी जा चुकी है। बावजूद आज तक इस अतिक्रमण पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। सूत्रों की माने तो कबाड़ व्यवसाई के शहर के राजनैतिक परिचय के चलते कोई भी अधिकारी यहाँ कार्यवाही करने से परेहज करता है। वही करीब 15 दिन पूर्व भी कलेक्टर साहब को उक्त अतिक्रमण की जानकारी मिली थी जिस पर उन्होंने तहसीलदार श्रीमती अनीता चोकोटिया को उक्त अतिक्रमण को हटवाने के आदेश दिए थे ,लेकिन वर्तमान स्थिति में उक्त स्थान पर अतिक्रमण यथा स्थिति में है।मानो जैसे तहसीलदार श्रीमती अनीता चोकोटिया के लिए कलेक्टर के आदेश का कोई महत्वः ही नहीं हो। वही अपनी जिम्मेदारी निभा रहे कलेक्टर साहब व्यस्तता के चलते दोबारा इस मामले में फीडबैक भी नहीं ले सके।

यही कारण कि अधिकारियों के सुस्त रवैये से अतिक्रमण की समस्या लगातार कायम रहती है और हर साल केवल एक बदलते मौसम की तरह अतिक्रमण की मौसमी कार्यवाही प्रशासन की ओर से की जाती है। जिससे प्रशासन का पैसा और किस्मती समय ही दोनों बर्बाद होता है। ऐसे शहर में कई व्यापारी है जिन्होंने नियमो को ताक पर रख कर अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए अतिक्रमण फैलाकर शहर की सुन्दता को बिगाड़ रखा है। मुख्तय इन अतिक्रमणो के बढ़ने का कारण अधिकारियो की उदासीनता है। जो इन पर समय रहते कार्यवाही ना करते हुए बढ़ावा देते है।

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