May 20, 2024

mp Police/मध्य प्रदेश पुलिस के पास होगा अपराधियों के रेटिना से लेकर डीएनए तक का डेटा

भोपाल ,01जनवरी(इ खबर टुडे)। मध्य प्रदेश पुलिस अब गिरफ्तार व्यक्ति का रेटिना से लेकर डीएनए तक का डेटा 75 साल तक रिकार्ड में रख सकेगी। दरअसल केंद्र सरकार ने 120 वर्ष पुराने अपराधियों के पहचान कानून 1920 की जगह नया कानून ‘दंड प्रक्रिया शिनाख्त अधिनियम 2022’ लागू किया है।

इसी के तहत मध्य प्रदेश गृह विभाग ने राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो पुलिस मुख्यालय भोपाल को अपने क्षेत्राधिकार में रेटिना से लेकर डीएनए तक का डेटा संग्रहण करने, परीक्षण करने और संरक्षित व साझा करने के लिए राज्य नोडल अभिकरण के रूप में अधिसूचित किया है। इसके पहले 1920 के एक्ट में न्यायाधीश के आदेश पर पुलिस अधिकारियों को अपराधियों के फिंगरप्रिंट, फुटप्रिंट, और तस्वीरें लेने का प्रविधान था।

नए अधिनियम के अनुसार राज्य सरकार आदतन अपराधियों और गिरफ्तार आरोपितों के बारे में पहले से ज्यादा जानकारी या डेटा जुटा पाएगी। दंड प्रक्रिया शिनाख्त एक्ट 2022 पुलिस और जेल अधिकारियों को यह अनुमति देता है कि वह गिरफ्तार किए गए लोग, हिरासत में लिए गए आरोपितों और अपराधियों के रेटिना, आइरिस स्कैन के बायोलाजिकल सैंपल का संग्रह कर उसका विश्लेषण करें।

‘दंड प्रक्रिया शिनाख्त अधिनियम 2022’ लागू कर दिया गया है। पहले चरण में सात वर्ष की सजा प्राप्त व्यक्ति, रासुका के बंदी और जिला बदर के अपराधी के फिंगरप्रिंट, फोटो और उसकी आंखों की पुतली का रिकार्ड रखा जाएगा। दूसरे चरण में ऐसे लोगों के डीएनए और बायलाजिकल डेटा को भी संग्रहित किया जाएगा। – गौरव राजपूत, सचिव, मध्य प्रदेश गृह विभाग

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