November 15, 2024

Loud Speaker Ban : मुख्यमंत्री के प्रथम आदेश का नहीं हुआ पालन,लाउड स्पीकरों पर तेज आवाज में होती रही अजान ; जिला प्रशासन जल्द करेगा धर्मगुरुओ से चर्चा

रतलाम,14 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने पदभार ग्र्रहण करते ही पहला आदेश धर्मस्थलों पर तेज आवाज में बजने वाले लाउड स्पीकरों को हटाने का और ध्वनि को निर्धारित स्तर पर रखे जाने का दिया था। लेकिन रतलाम में इस आदेश का पालन होता हुआ कहीं भी नजर नहीं आया। सुबह से शाम तक मस्जिदों में लाउड स्पीकर पर बेहद तेज आवाज में अजान सुनाई देती रही। हांलाकि जिला प्रशासन इस सम्बन्ध में कार्यवाही करने की योजना बना रहा है और आगामी एक दो दिनों में इसका असर दिखाई देने की बात कही जा रही है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने बुधवार शाम को ही प्रदेश के समस्त संभागायुक्तों,कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों के लिए एक विस्तृत आदेश जारी कर धर्मस्थलों पर तेज आवाज में बजाए जाने वाले लाउड स्पीकरों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री केइस विस्तृत आदेश में कहा गया है कि शहरों के रहवासी क्षेत्रों में दिन के समय 55 डेसीबल और रात्रि के समय 45 डेसीबल से अधिक स्तर की ध्वनि का उपयोग प्रतिबन्धित है। इसलिए निर्धारित डेसीबल स्तर से अधिक की ध्वनि उत्पन्न करने पर पूरी तरह रोक लगाई जाए।

मुख्यमंत्री की ओर से जारी आदेश में ध्वनि विस्तारकोंके उपयोग पर रोक लगाने के लिए उडनदस्तों का गठन करने को कहा गया है। ये उडनदस्ते विभिन्न क्षेत्रों में नियमित और आकस्मिक रुप से लाउड स्पीकरों के उपयोग पर नजर रखेंगे और नियम विरुद्ध पाए जाने पर वैधानिक कार्यवाही करेंगे। इन उडनदस्तों का नोडल अधिकारी एडीएम स्तर के अधिकारी को बनाया जाना है। मुख्यमंत्री के आदेश में यह भी स्पष्ट निर्देश दिए गए है कि जिला प्रशासन विभिन्न धर्मगुरुओं से चर्चा कर समन्वय बनाकर लाउड स्पीकरों को निर्धारित डेसीबल स्तर पर रखने की व्यवस्था करें और जो लाउड स्पीकर बिना अनुमति के लगाए गए हैैं उन्हे हटवाए।

इतना ही नहीं मुख्यमंत्री डा. यादव ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि जिन अधिकारियों पर ध्वनि विस्तारकों को निर्धारित डेसीबल स्तर पर रखने का दायित्व है यदि वे अपने दायित्वों का व्यवस्थित ढंग से पालन नहीं करेंगे तो उनके विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय में वर्ष 2005 मेें ही लाउड स्पीकरों के उपयोग पर अत्यन्त विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए थे और इनके मुताबिक रात्रि दस बजे से सुबह छ: बजे के बीच किसी भी स्थिति में लाउड स्पीकरों का उपयोग नहीं किया जा सकता। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद सुबह सवा पांच बजे से शहर की तमाम मस्जिदों में लाउड स्पीकर पर बेहद तेज आवाज में अजान दी जाती है और अजान का यह क्रम लगभग आधे घण्टे से भी अधिक समय तक चलता है। इन लाउड स्पीकरों पर रोक लगाने के लिए हिन्दू जागरण मंच के राजेश कटारिया,एडवोकेट दशरथ पाटीदार और किशोर सिलावट की ओर से जिला न्यायालय में एक जनहितवाद भी जिला प्रशासन के विरुद्ध दायर किया गया है जो न्यायालय में विचाराधीन है।

हांलाकि जिला प्रशासन अब इस दिशा में कार्यवाही करने की कार्ययोजना बना रहा है। जिला कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने इ खबर टुडे को बताया कि मुख्यमंत्री का आदेश जिला प्रशासन को प्राप्त हो चुका है और आगामी एक दो दिनों में विभिन्न धर्मगुरुओं से इस सम्बन्ध में चर्चा कर लाउड स्पीकरों को निर्धारित डेसीबल स्तर पर उपयोग करने के लिए कहा जाएगा। इसके अलावा अवैध रुप से लगे लाउड स्पीकरों को हटवाया जाएगा। श्री लाक्षाकार के मुताबिक जिले में विभिन्न क्षेत्रों के लिए उडनदस्तों का गठन भी जल्दी ही कर दिया जाएगा,जिससे कि लाउड स्पीक रों के उपयोग पर निरन्तर नजर रखी जा सके।

You may have missed

This will close in 0 seconds