Blast : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) JUIF की रैली में धमाका, 39 लोगों की मौत,200 घायल
पेशावर,30 जुलाई (इ खबर टुडे)। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हुए बम विस्फोट की घटना में अब तक 39 लोगों की मौत की सूचना है। एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी की सभा में यह विस्फोट हुआ। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वास्थ्य मंत्री रियाज अनवर ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि इस घटना में अबतक 39 लोगों की मौत हो गई है और 200 अन्य घायल हुए हैं। जिनमें 17 मरीज गंभीर हालत में हैं।
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पुलिस महानिरीक्षक अख्तर हयात गंडापुर ने एएफपी को बताया कि “पार्टी के एक वरिष्ठ नेता समारोह को संबोधित करने वाले थे, लेकिन उनके पहुंचने से पहले एक बम विस्फोट हुआ। “अख्तर हयात ने कहा कि सम्मेलन की मेजबानी कर रही जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) पार्टी के नेताओं को निशाना बनाने के लिए यह विस्फोट किया गया था।
फिदायीन हमले का शक
- पुलिस के मुताबिक ब्लास्ट शाम करीब 4.30 बजे हुआ। इस वक्त रैली में काफी लोग मौजूद थे। माना जा रहा है कि हमलावर पार्टी समर्थकों के बीच ही मौजूद था। इसलिए इसे फिदायीन हमला माना जा रहा है।
- JUI-F के चीफ मौलाना फजल ने घटना के बाद प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से बातचीत की और उन्हें तफ्सील से जानकारी दी। सरकार ने घटना की जांच के आदेश भी दे दिए हैं। फजल ने समर्थकों से कहा- आप लोग फौरन अस्पताल पहुंचें और घायलों को खून मुहैया कराएं।
- पाकिस्तान पीपुुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी के मुताबिक यह हमला मुल्क को कमजोर करने की एक और साजिश है। सरकार आतंकियों से निपटने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
हमले के पीछे कौन?
JUI-F कट्टर इस्लामी संगठन है और इसके तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और अफगान तालिबान से करीबी रिश्ते हैं। लिहाजा इस बात की आशंका कम है कि इस इलाके में हमला तालिबान ने किया होगा।
अब सवाल ये है कि अगर तालिबान ने हमला नहीं किया तो फिर इसके पीछे कौन है। पाकिस्तान सरकार और तालिबान के बीच बातचीत कराने में भी जमीयत चीफ मौलाना फजल-उर-रहमान का अहम रोल था। हालांकि बाद में यह बातचीत नाकाम हो गई थी।