तीन दिनों की बारिश में पोल खुली बाजना केलकच्छ मार्ग पर बने माही पुल की लेकिन ,विभाग को नहीं दिखती कोई गड़बड़ी ; एक महीने तक बन्द रहेगा आवागमन(देखिये खतरनाक पुल का विडियो)
रतलाम,22 सितम्बर (इ खबरटुडे)। बाजना केलकच्छ मार्ग में माही नदी पर हाल ही बने पुल के घटिया निर्माण की पोल तीन दिनों की बारिश ने खोल कर रख दी। पुल के सारे जाइन्ट खुल गए और पुल से होने वाले आवागमन को बन्द कर दिया गया है। करीब एक महीने तक पुल पर आवागमन शुरु होने की कोइ उम्मीद नहीं है। घटिया निर्माण की पोल खुल जाने के बाद भी सम्बन्धित विभाग को इसमें कोई गडबडी नजर नहीं आ रही है।
उल्लेखनीय है कि बाजना केलकच्छ मार्ग में पडने वाली माही नदी पर पिछले ही वर्ष नया पुल बनाया गया था। पुल के निर्माण की जिम्मेदारी म.प्र. ग्र्रामीण सडक विकास प्राधिकरण(एमपीआरआरडी) की थी। पुल मार्च 2022 में ही बनकर तैयार हुआ था। पिछले हफ्ते तीन दिनों तक हुई तेज बारिश ने मात्र एक वर्ष पहले बने पुल के घटिया निर्माण की पोल खोल कर रख दी। बारिश के कारण पुल के सारे जाइन्ट खुल गए और इस पुल से गुजरना खतरनाक हो गया। पल के जॉइंट इस तरह से खुल गए कि जॉइंट में से नीचे बाह रही नदी भी नज़र आने लगी। पल की खतरनाक हालत वीडियो ने साफ दिखाई देती है।
पुल की खतरनाक स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने पुल पर से होने वाले आवागमन को रोक दिया था। बाजना केलकच्छ मार्ग पर चलने वाले लोगों को लगा था कि पुल का आïवागमन जल्दी ही शुरु हो जाएगा,लेकिन बताया जा रहा है कि अभी कम से कम एक महीने तक इस पुल का आवागमन बन्द रखा जाएगा। इतना ही नहीं इस मार्ग से आने जाने वालो को पल बंद होने से तीस किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाना पद रहा हैं।
डिजाईन में हुआ बदलाव
एमपीआरआरडी की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि ढाई सौ मीटर लम्बाई वाले इस पुल के बनते समय इसके डिजाईन को ही बदल दिया गया था। इतना ही नहीं निर्माण सामग्र्री भी घटिया क्वालिटी की थी। यही वजह है कि केवल एक ही साल में करोडों की लागत से बने इस पुल की हालत खराब हो गई। सूत्रों का कहना है कि पुल माही नदी पर बनाया जा रहा था। माही नदी बारिश के समय विकराल रुप धारण कर लेती है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए यहां बनने वाले पुल को हाई लेवल ब्रिज बनाया जाना था। हाई लेवल ब्रिज बनने पर नदीं में बाढ आने की स्थिति में भी पुल को कई खतरा नहीं होता। शासन ने माही नदी पर हाई लेवल ब्रिज ही स्वीकृत किया था। डीपीआर भी हाई लेवल ब्रिज की बनी थी लेकिन ठेकेदार ने स्थानीय अधिकारियों से मिलजुल कर पुल के बनते समय स्वीकृत डिजाइन को ही बदल दिया।जिससे पुल स्वीकृत राशि से काफी कम राशि में बन गया और बची हुई बड़ी रकम का लाभ आपस में बाँट लिया गया। यही वजह थी कि तेज बारिश के कारण नदी पुल के उपर से बहने लगी। सूत्रों का कहना है कि पुल पर से बह रही नदी का बहाव इतना तेज भी नहीं था कि जॉइंट खुल जाते। असल में पुल के निर्माण में घटिया क्वालिटी की निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया था। इसी वजह से पुल के सारे जाइन्ट पानी में बह गए और अब पुल खतरनाक स्थिति में आ गया है।
50 साल की गारंटी,1 साल भी नहीं चली
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस ब्रज का निर्माण रतलाम के ही एक ठेकेदार द्वारा किया गया था और इस प्रकार के पुलों के निर्माण में ठेकेदार को पचास वर्षों की गारंंटी देना पडती है। पचास साल की गारंटी वाला ब्रिज यदि एक ही साल में खराब हो जाए तो ऐसी स्थिति में ठेकेदार और सम्बन्धित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाना चाहिए। इतना ही नहीं डिजाईन बदल देने और घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग के मामले की गंभीरता से जांच भी की जाना चाहिए। क्योकि इस तरह के पुलों से हजारों लोगों के जीवन पर खतरा मण्डरा सकता है। गनीमत यह रही कि तेज बारिश के दौरान पुल के जाइन्ट ही उखडे,लेकिन ब्रिज नहीं बहा। अगर ब्रिज बह जाता तो अपने साथ ना जाने कितने नागरिकों की जान ले लेता।
विभाग को नहीं दिखी कोई गड़बड़ी
पचास सालो की गारंटी वाला पल एक ही साल में उखड गया लेकिन विभाग के अधिकारियो को इसमें कोई गड़बड़ी नज़र नहीं आ रही है। विभाग के अधिकारी डिजाईन बदलने और घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग को सिरे से खारिज कर रहे है। विभाग के प्रबन्धक अनुपम सक्सेना ने इ खबरटुडे से चर्चा के दौरान कहा कि माही नदी के लिए सबमर्जिबल ब्रिज ही स्वीकृत हुआ था। इसके डिजाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उनका यह भी कहना है कि ब्रिज के निर्माण में उपयोग की गई निर्माण सामग्री की क्वालिटी भी घटिया नहीं थी। बारिश इतनी तेज और अधिक मात्रा में हुई थी कि उसी की वजह से ब्रिज के जाइन्ट उखड गए। उन्होने कहा कि सम्बन्धित ठेकेदार को पुल की मरम्मत करने के निर्देश दे दिए गए है। उन्होने इस बात को भी नकार दिया कि सम्बन्धित ठेकेादर को ब्लैक लिस्ट करने या मामले की जांच कराई जाने की कोई योजना है।