बदलाव की राजनीति
– हिमांशु जोशी
हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावो ने बडा परिवर्तन दिखने का मिला है। मोदी लहर की मौजूदगी साफ दिखाई दी । मौदी ने विरोधीयो को जवाब दे दिया है। देखने वाली बात तो यह है कि मतदाताओ ने बढ-चढ कर मतदान कर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। 2009 मे हरियाणा चुनाव में मात्र 4 सीटें जीतने वाली भाजपा पर हरियाणा जनता ने अपना विश्वास दिखाकर भाजपा को अपने दम पर सरकार बनाने का न्योता दिया। यहाॅ मतदाताओ ने 76.54 प्रतिशत वोट कर 1967 के बाद सबसे ज्यादा वोटिंग की एवं जागरूकता का परिचय दिया। या कहे तो बदलाव की राजनीति में भाजपा पर अपना विश्वास दिखाया। या कहे तो मोदी लहर अन्य राजनीतिक दलो पर प्रभावशील रही। मौजूदा हालात में हरियाणा में मुख्यमंत्री की दावेदारी में मनोहर खटटर सबसे आगे है। जहाॅ हरियाणा मे भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने को तैयार है वही दूसरी ओर महाराष्ट्र में अपनी पूरी ताकत झोक देने वाली भाजपा ने 282 उम्मीदवार में 122 की जीत पर ही संतोष करना पड रहा है , मोदी जादू तो चला पर पूरी तरह नही चल पाया हाॅलाकी यहा भाजपा सबसे बडी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आ पायी। मौजूदा हालात बडे ही गंभीर है यहा भाजपा और शिवसेना के वर्चव्स की लडाई देखने को मिली , सालो पुरानी दोस्ती टूट गई और दोनो ही दलो ने आरोप प्रत्यारोप शुरू कर दिये। ये तो तय है की मुख्यमंत्री तो भाजपा का ही बनेगा ऐसे में अब शिवसेना को अपना वजूद बनाए रखने के लिये क्या भाजपा में सम्मिलीत होना पडेगा ये बडा प्रश्न है। हाॅलाकी शिवसेना द्वारा मांगे गये उपमुख्यमंत्री पद की मांग को भाजपा द्वारा ठुकरा दिया गया अब शिवसेना अपनी किस शर्त के साथ भाजपा में वापसी करेगी ये देखने लायक होगा। हो सकता है कि महाराष्ट्र की जनता को शिवसेना का भाजपा से अलग होना रास नही आया और शिवसेना का प्रदर्शन पूर्व से भी कमजोर हो गया । अब मौजूदा हालात पर नजर डाले तो महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की दौड में जददोजहत शुरू हो गई है और कई चेहरे मुख्यमंत्री की दौड में दिखाई दे रहे है नितीन गडकरी का नाम दौड में सबसे आगे दिख रहा है । आने वाले सालो में दोनो ही राज्यो में सत्ता चलाना आसान नही होगा। जनता ने बदलाव तो चाहा है पर ये बदलाव कितना खरा उतरता है ये समय के साथ देखने का मिलेगा।