नन्ही बच्ची का बलात्कार कर हत्या करने वाले अपराधी को आजीवन कारावास
हत्या के बाद शव को बोरे में बन्द कर फेंक गया था अभियुक्त
रतलाम,30 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। नौ वर्षीय नन्ही बालिका का अपहरण कर उसका बलात्कार करने और फिर हत्या करने वाले एक अपराधी को आज स्थानीय न्यायालय में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
विशेष लोक अभियोजक नीरज सक्सेना के अनुसार,ग्राम डावडिया आलोट निवासी फरियादी शंकरलाल की नौ वर्षीय पुत्री विगत 22 अक्टूबर 2014 को लापता हो गई थी। उसकी लाश अगले दिन एक बोरी में बंधी हुई एक नाले से बरामद हुई थी। इस मामले में पुलिस थाना आलोट ने बलात्कार व हत्या का प्रकरण दर्ज कर जब अनुसंधान किया तो इस जघन्य अपराध के लिए ग्राम डावडिया नि. बसंत सिंह पिता भेरुसिंह सौंधिया 32 के विरुध्द साक्ष्य मिले। आलोट पुलिस ने अभियुक्त बसंतसिंह को गिरफ्तार कर उसके विरुध्द न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया था।
अजाजजा अत्याचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायालय में उक्त प्रकरण का विचारण हुआ। अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों को अभियुक्त की दोषसिध्दि के लिए पर्याप्त मानते हुए विशेष न्यायाधीश बीएस ओरिया ने अभियुक्त को बालिका के अपहरण,उसके साथ बलात्कार करने,हत्या कारित करने तथा साक्ष्य छुपाने के अपराधों के लिए दोषसिध्द करार दिया। इस जघन्य हत्याकाण्ड को अभियोजन पक्ष ने विरल से विरलतम बताते हुए अभियुक्त के लिए मृत्युदण्ड की मांग की थी,परन्तु विद्वान न्यायाधीश ने इसे मृत्युदण्ड के लिए उपयुक्त नहीं मानते हुए अभियुक्त को आजीवन कारावास व अन्य सजाएं सुनाई। अभियोजन के मुताबिक अभियुक्त को हत्या की धारा 302 भादवि के तहत आजीवन कारावास तथा डेढ हजार रु. अर्थदण्ड,लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत दस वर्ष सश्रम कारावास व डेढ हजार रु.अर्थदण्ड अपहरण की धारा 366 भादवि के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास व पांच सौ रु अर्थदण्ड और साक्ष्य छुपाने की धारा 201 भादवि के तहत तीन वर्ष के सश्रम कारावास व डेढ हजार रु. के अर्थदण्ड की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ चलेगी।