निःषक्तजनों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिये एडवांस रूप से प्रोग्राम तैयार करने होगें
केन्द्रीय मंत्री श्री गेहलोत
रतलाम,27अक्टूबर(इ खबरटुडे)।निःषक्तजनों को सषक्त बनाने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के साथ ही उनकी सर्वागीण रूप से सहभागिता सुनिष्चित करने के लिये आवष्यक हैं कि हम एडवांस रूप से प्रोग्रामिंग कर नीतिगत रूप से ऐसा ढाचा तैयार करे जिसमें निःषक्तजनों को वित्तिय शैक्षणिक और कौषल आधारित पूर्ण समर्थन दिया जा सकें।
रिहेबिलिटेषन इंटरनेषनल वल्र्ड कांग्रेस में विष्व को किया सम्बोधित
उक्त उद्गार केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत ने 23वीं रिहेबिलिटेषन इंटरनेषन वल्र्ड कांग्रेस के मंच पर भारतीय प्रतिनिधित्व करते हुए व्यक्त किये। निःषक्तजनों के पुनर्वास हेतु स्काॅटलैंड की राजधानी एडिनबर्ड में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 23वीं विष्व सभा को 25 अक्टूबर को श्री गेहलोत ने सम्बोधित किया।
स्काॅटलैंड में आयोजित वल्र्ड कांग्रेस में 65 देषों के एक हजार से अधिक प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए श्री गेहलोत ने कहा कि निःषक्तजन भी अन्य लोगों की भांति ही श्रेष्ठतम कार्य कर आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण सहभागिता के लिये उपयुक्त मानव संसाधन है। उन्होने इनके पूर्ण विकास के सपने को साकार करने के लिये और उनके जीवन में स्वतंत्रता को दृष्टिगत रखते हुए कार्य नीति बनाये जाने की आवष्यकता जताई। श्री गेहलोत ने कहा कि भारत की सरकार के द्वारा निःषक्तजनों के शैक्षणिक, शारीरिक एवं आर्थिक उन्नयन के साथ ही मानसिक रूप से भी सषक्त एवं समृद्ध बनाने के लिये उन्हें ‘‘दिव्यांगजन’’ के नाम से पुर्ननामित किया है।
उन्होने कांग्रेस के दौरान कहा कि ‘‘भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्येय वाक्य ‘सबका साथ, सबका विकास’’ है। हमारे देष में दिव्यांगजनों के विकास का मुद्दा राष्ट्रीय विकास एजेंडे के केन्द्र में है। श्री गेहलोत ने कहा कि समय की आवष्यकता हैं कि समावेषी विष्व बने जिसमें सकारात्मक व्यवहार और स्वतंत्र जीवन षिक्षा और रोजगार के साथ ही सषक्तिकरण भी एक प्रमुख कारण हो। इन सब को समग्र रूप से अमलीजामा तभी पहनाया जा सकता है। जब दिव्यागंजनों की समुचित एवं पूर्ण रूपेण सहभागिता हो। अपने उद्बोधन के समापन में श्री गेहलोत ने भारत के समस्त विष्व को अपना परिवार मानने वाले कथन ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ को दोहराया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस वल्र्ड कांग्रेस की थीम ‘क्रिएट अ मोर इंक्लुसिव वल्र्ड’ थी। वल्र्ड कांग्रेस की सरक्षिता स्काॅटलैण्ड की शाही राजकुमारी थी। वल्र्ड कांग्रेस में स्काॅटलैण्ड के अतिरिक्त निकोला स्टुर्जियाॅन, चीन, ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी के साथ ही संसार भर के देषों के प्रतिनिधिमंडल सम्मिलित हुए।
स्थापना दिवस समारोह का स्थान परिवर्तित
अपर कलेक्टर जिला रतलाम ने बताया कि एक नवम्बर 2016 को मध्यप्रदेष स्थापना दिवस का मुख्य समारोह कालिका माता प्रागंण रतलाम पर प्रातः 10ः30 बजे आयोजित की गई थी जो अपरिहार्य कारणों से अब कलेक्टोरेट स्थित गुलाब चक्कर परिसर में दिनांक एक नवम्बर 2016 को प्रातः 10ः30 बजे आयोजित किया जायेगा। उन्होने बताया कि कार्यवाही विवरण में दिये गये निर्देष पूर्ववत/यथावत रहेगे।