देशभर में जन्माष्टमी की धूम, कृष्ण लला के स्वागत के लिए मंदिरों में भजन
आज देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में श्रद्धालुओं का लगा मेला है और यहां कृष्ण मंदिरों में खूब रौनक देखने को मिल रही है। कृष्ण जन्मभूमि पर विदेश से भी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए हैं।कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर ब्रज में जबरदस्त उत्साह है। ब्रज भूमि मथुरा के तमाम मंदिरों में रोशनी के खास इंतजाम किए गए हैं। पूरे मथुरा को इस खास मौके के लिए दुल्हन की तरह सजाया गया है। श्रद्धालुओं नंद लाल के आगमन के लिए पलक पांवड़े बिछाए हुए हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि धर्म की रक्षा और स्थापना के लिये भगवान श्रीकृष्ण का अवतार हुआ था। उन्होंने संसार को श्रीभगवद् गीता के जरिये कर्मयोग की शिक्षा दी। श्री चौहान ने नागरिकों से भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों पर चलने का आव्हान करते हुए कहा कि भक्ति, कर्म और ज्ञान मार्ग से ही प्रदेश के नव-निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।
क्या है कथा
पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु के ने पृथ्वी को पापियों से मुक्त करने हेतु कृष्ण रुप में अवतार लिया, भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में देवकी और वासुदेव के पुत्ररूप में हुआ था।
वैष्णव स्मार्तों में भेद
जन्माष्टमी को स्मार्त और वैष्णव संप्रदाय के लोग अपने अनुसार अलग-अलग ढंग से मनाते हैं। श्रीमद्भागवत को प्रमाण मानकर स्मार्त संप्रदाय के मानने वाले चंद्रोदय व्यापनी अष्टमी अर्थात रोहिणी नक्षत्र में जन्माष्टमी मनाते हैं तथा वैष्णव मानने वाले उदयकाल व्यापनी अष्टमी एवं उदयकाल रोहिणी नक्षत्र को जन्माष्टमी का त्यौहार मनाते हैं।