समय व संजोग का उपयोग करे वही कर सकता है जीवन नैया पार
जयन्तसेन धाम में मुनिराजश्री के प्रवचन
रतलाम 21 अगस्त (इ खबरटुडे)।चार महीनों का समय सभी रतलामवासियों को एक जैसा मिला है । समय बीतने के बाद कोई कहेगा मैंने मासक्षमण किया है, कोई कहेगा सिद्धितप किया है तो कोई अन्य तपस्याओं के बारे में चर्चा करेगा, लेकिन तुम क्या करोगे? आत्मा को उज्जवल बनाने का अवसर आया है, समय और संजोग सबके पास एक जैसा है। इसका सदुपयोग करने वाला ही जीवन नैया को पार कर सकता है। चातुर्मास में गुरुदेव के आशीर्वाद से अपने जीवन को निर्मल बनाएं।
इंसान को ही लोग कहते हैं कि तू अच्छा इंसान बन जा, किसी जानवर को कभी अच्छा बनने को नहीं कहा जाता
यह बात मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने रविवार को कही। जयन्तसेन धाम में आयोजित प्रवचन में उन्होंने कहा बरसात भी यही संदेश देती है । उसका पानी सब पर बरसता है, लेकिन कोई छाता तो कोई रेनकोट पहनकर बचता है। जीवन की स्थिति का आकलन कर इसे सिद्ध बनाना चाहिए। इंसान को ही लोग कहते हैं कि तू अच्छा इंसान बन जा, किसी जानवर को कभी अच्छा बनने को नहीं कहा जाता । बरसात ऊपर से बरसती है, लेकिन नीचे उसके बरसने के बाद भूमि में उर्वरा शक्ति के गुण होना आवश्यक होते हैं। इसके बाद ही बीज फल बन पाते हैं । भगवान की वाणी भी सभी जीवों के लिए उपयोगी है, लेकिन इसे आत्मसात करने का गुण होना आवश्यक है। हमारी आत्मा की स्थिति उपजाऊ भूमि की तरह होगी तभी अच्छे फलों की प्राप्ति होगी।
मुनिराजश्री ने तप-आराधना की प्रेरणा देते हुए कहा कि चातुर्मास का यह अवसर बार-बार नहीं आएगा, इसलिए अधिक से अधिक तप कर आत्म-कल्याण का मार्ग प्रशस्त करें। सामूहिक तपस्या में यदि शामिल नहीं हो सकें तो पर्युषण महापर्व के दौरान तप करने के लिए कमर कस लें। प्रवचन के आरम्भ में मुनिराजश्री तारकरत्न विजयजी म.सा. ने प्रार्थना करवाई। अन्तमें दादा गुरुदेव की आरती का लाभ चम्पकलाल दलपतजी सिपानी परिवार ने लिया।
तपोवन संस्कार पीठ के बच्चों ने समां बांधा –
रविवार को जयन्तसेन धाम में तपोवन संस्कार पीठ अहमदाबाद के बच्चों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से संस्कारों का प्रदर्शन कर समां बांध दिया। सुधाबेन मासीबा के मार्गदर्शन में आए दल ने दो समूह नृत्य प्रस्तुत किए । वहीं धैर्य झालमोरा व विवेक मारु ने शासन वन्दना तथा प्रार्थना प्रस्तुत की। चयन ने गुरुदेव तथा विवेक ने माँ की महिमा का वर्णन किया। दिव्य ने ये तो सच है कि भगवान है, गीत की मार्मिक प्रस्तुति दी। संचालन संस्कार पीठ के आर्जव गांधी ने किया।
प्रभु भक्ति आज, सामूहिक पारणा कल –
सिद्धितप, मासक्षमण, सौभाग्य सुन्दर तप और अन्य तप आराधनाएं करने वाले तपस्वियों की अनुमोदना हेतु जयन्तसेन धाम में चातुर्मास आयोजक व विधायक चेतन्य काश्यप परिवार द्वारा दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। 22 अगस्त को शाम 7.30 बजे प्रभु भक्ति का आयोजन होगा जिसमें दीपक करणपुरिया एंड पार्टी प्रस्तुतियां देंगी। 23 अगस्त को सुबह खैरादीवास स्थित नीमवाला उपाश्रय से सामूहिक चल समारोह निकलेगा, तत्पश्चात जयन्तसेन धाम में राष्ट्रसन्त श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में तप अनुमोदना समारोह होगा । इसके बाद सामूहिक पारणा का आयोजन किया गया है।