पुलिस जवानों के लिए शुरू हुआ पांच दिवसीय प्रेक्षा योग शिविर
संत और सिपाही सदा जागृत रहें- मुनि रमेश कुमार
उज्जैन 18 अगस्त(इ खबरटुडे)।संत और सिपाही दोनों को सदा जागृत रहना चाहिए। संत जागृत न हों तो समाज और राष्ट्र को समुचित पथ-दर्शन कौन करेगा? सिपाही अपने दायित्व ओर कर्तव्य के प्रति जागरूक न रहें तो अराजकता और अव्यवस्था फैलती है। प्रेक्षाध्यान योग साधना से हम अपनी आत्मा को जागृत करते हैं। इस साधना पद्धति से साधक आत्मा का साक्षात्कार कर सकता है। स्वयं की हस्तियों में परिवर्तन कर सकता है।
उपरोक्त विचार मुनि रमेश कुमार ने बुधवार को तेरापंथ युवक परिषद द्वारा नयापुरा स्थित ओसवाल धर्मशाला में पुलिस जवानों के लिए आयोजित पांच दिवसीय प्रेक्षा योग शिविर को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। इस शिविर में 150 से अधिक पुलिस जवानों ने भाग लिया। मुनि रमेश कुमार ने प्रेक्षा योग का प्रशिक्षण देते हुए कहा कि देश के विकास में पुलिस की अहम भूमिका रहती है। पुलिसकर्मी यदि स्वस्थ, शांत, संतुलित रहेगा तो पूरा देश सर्वांगीण विकास करेगा। समणजी ने योग का अभ्यास कराते हुए ताड़ासन, कोणासन, त्रिकोणासन, तितली आसन, पश्चिमोत्तानासन आदि आसनों का अभ्यास कराया और चंद्रभेदी प्राणायाम, कायोत्सर्ग, स्वास् प्रेक्षा, संकल्पशक्ति और हास्य योग के प्रयोग कराए। तेरापंथ युवक परिषद ने शिविर का आयोजन किया। अध्यक्ष संदीप मेहता, मंत्री सक्षम आंचलिया, पारस आचलिया, कमल पिपाड़ा आदि का सहयोग रहा। इस अवसर पर सचिन कासलीवाल, किशनलाल सेठिया, उपासिका प्रतिभा चोपडा मुंबई, सोनहलाल आच्छा आदि उपस्थित थे।
महापौर ने किये दर्शन
मुनिश्री रमेश कुमार, मुनि हेमराज समण सिद्धप्रज्ञजी के दर्शन करने के लिए बुधवार को महापौर मीना जोनवाल नयापुरा स्थित आचार्य डालगणी भवन पहुंची तथा मुनिश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। मुनिश्री रमेश कुमार ने अणुव्रत आन्दोलन प्रेक्षा ध्यान के बारे में बताया तथा प्रेक्षा योग पुलिस प्रशिक्षण शिविर की जानकारी दी। महापौर ने मुनि रमेश कुमार के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त करते हुए जल्दी स्वस्थ होने की कामना की। पारस आंचलिया ने अणुव्रत उद्यान को विकसित करने के लिए कहा। जिसपर महापौर ने कहा मैं पूरी जानकारी प्राप्त कर उस उद्यान का विकास करुंगी। तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष वीरबाला छाजेड़ ने नगर निगम में एक कार्यक्रम करने के लिए चर्चा की। महापौर जोनवाल ने कहा कि अणुव्रत और प्रेक्षाध्यान जैसे आयोजन होते रहने चाहिये। पारस आंचलिया तथा वीरबाला छाजेड़ ने महापौर को साहित्य व सर्व सिद्धिदायक पताका यंत्र भेंट किया।