10 लाख की धोखाधडी, लेकिन पुलिस ने नहीं लिखी एफआईआर
धक्के खाने को मजबूर है धोखाधडी के शिकार
रतलाम,24 अगस्त (इ खबरटुडे)। शहर के दो व्यापारियों को अहमदाबाद में फ्लैट दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति ने दस लाख का चूना लगा दिया। धोखाधडी के शिकार हुए व्यवसायी पिछले काफी समय से इधर से उधर धक्के खा रहे है,लेकिन पुलिस ने अब तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है। पुलिस के अफसर क्षेत्राधिकार जैसे बहाने बनाकर मामले को इधर से उधर टाले जा रहे है।
इ खबरटुडे को मिली जानकारी के अनुसार, फरियादी गिरीश जैन को इण्डिया बुल्स नामक कंपनी के एक अधिकारी अजय कुमार सिंह ने अहमदाबाद में स्थित एक फ्लैट को बेचने का प्रस्ताव दिया। अजय कुमार सिंह ने गिरीश जैन को बताया कि उक्त फ्लैट इण्डिया बुल्स नामक कंपनी के पास बंधक है और कंपनी द्वारा इसकी नीलामी की जाएगी। इस फ्लैट को नीलामी के माध्यम से दिलाने का वादा अजय कुमार सिंह ने व्यवसाई गिरीश जैन से किया था। इसके एवज में प्रारंभिक किश्त के रुप में तीन लाख रुपए मांगे थे। इसके बाद सात लाख रुपए और देना थे। उक्त राशि का भुगतान मेसर्स ए.बी.जी.स्क्वेअर कंपनी के नाम चैक द्वारा करवाया गया। गिरीश जैन ने अजय कुमार सिंह की बातों और उनके द्वारा दिखाए गए फ्लैट के दस्तावेजों पर भरोसा करके दस लाख रुपए के दो चैक एबीजी स्क्वेअर कंपनी के नाम पर जारी कर दिया। इसके बदले में अजय कुमार सिंह ने गिरीश जैन को एक रसीद भी दी जिसमें इसका उल्लेख था कि फ्लैट के विक्रय पेटे इण्डिया बुल्स ने दस लाख रुपए प्राप्त कर लिए है। इसके अलावा अजय कुमार सिंह ने फरियादी को सेल कन्फरमेशन का लेटर भी दिया,जो बताता था कि भवन की नीलामी के लिए जो बोली लगाई गई थी वह स्वीकार कर ली गई है और उसमें से दस लाख रु. का भुगतान भी कर दिया गया है। शेष नौ लाख रुपए की अदायगी के लिए 31 अगस्त 2013 की तारीख नियत की गई थी।
दस लाख रुपए का भुगतान हो जाने के बाद अचानक फरियादी को पता चला कि उन्होने जो फ्लैट नीलामी में लिया है उस पर तो किसी अन्य व्यक्ति का कब्जा है। सौदे को लेकर शंका होने पर फरियादी ने अजय कुमार सिंह के सामने मुद्दा रखा। तब अजय कुमार ने सौदा रद्द करने के एवज में स्वयं के आईडीबीआई बैंक के खाते का एक चैक फरियादी को दिया। यह चैक दस लाख रुपए का था। जब फरियादी गिरीश जैन ने अजय कुमार सिंह के चैक को बैंक में प्रस्तुत किया तब वह चैक बाउंस हो गया। चैक बाउंस होने पर गिरीश जैन को विश्वास हो गया कि उनके साथ धोखाधडी की गई है। धोखाधडी किए जाने की और अधिक पुष्टि बाद में तब हो गई जब गिरीश जैन ने इण्डिया बुल्स कंपनी में फ्लैट के सम्बन्ध में पूछताछ की। कंपनी ने अजय कुमार सिंह को अपना प्रतिनिधि मानने से ही इंकार कर दिया और ऐसे किसी फ्लैट की नीलामी किए जाने को भी नकार दिया।
धोखाधडी का शिकार बन दस लाख रुपए गंवा चुके व्यवसायी गिरीश जैन ने अपने साथ हुए इस वाकये की लिखित शिकायत एसपी जीके पाठक को की। एसपी डॉ.जीके पााठक ने मामले को जांच के लिए स्टेशनरोड थाना प्रभारी को भेज दिया। थाना प्रभारी स्टेशन रोड ने इस मामले को माणकचौक थाना क्षेत्र का बताते हुए माणक चौक भेज दिया। माणकचौक थाने का कहना था कि यह मामला स्टेशनरोड का है इसलिए इस पर कोई कार्यवाही स्टेशन रोड थाने पर ही हो सकती है। बहरहाल फरियादी इधर से उधर चक्कर खाता रहा लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। थक हार कर फरियादी ने अपना दुखडा जिला प्रभारी मंत्री पारस जैन को भी सुना दिया। पारस जैन ने फिर से एसपी को कार्यवाही करने के निर्देश दिए और एसपी ने फिर से आवेदन थाने को भेज दिया। लेकिन समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने इस सम्बन्ध में कोई कार्यवाही नहीं की है। माणकचौक और स्टेशनरोड पुलिस थाने में अब भी क्षेत्राधिकार को लेकर खींचतान जारी है। एसपी थानों की हुक्मउदुली को निराकार भाव से देख रहे है। उन्हे इसकी आदत हो चुकी है। ऐसे में धोखाधडी के शिकार हुए व्यवसायी को पुलिस की मदद कब मिल पाएगी कोई कह नहीं सकता।