सेक्टर स्तर पर करे संयुक्त बैठक स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभाग – कलेक्टर
आंगनवाड़ी सहायिकाओं को पूरा काम करने पर ही मिलेगा मानदेय
रतलाम 02 दिसम्बर(इ खबरटुडे)।महिला बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी पहले सेक्टर स्तर पर और उसके बाद ब्लाक स्तर पर संयुक्त रूप से मासिक बैठक करेगे और की गई कार्यवाही का विवरण अनिवार्य रूप से कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करेगे। कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने क्लिटन हेल्थ एक्सीस इनिसिऐटीव (चाई) के प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित अंतर विभागीय समन्वय बैठक के दौरान उक्त निर्देष दिये।
कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने स्पष्ट किया कि विभागीय अधिकारी, कर्मचारी अपना मूल पदों के दायित्वों का निवर्हन प्राथमिकता से करें। उन्होने कहा कि आंगनवाड़ी का समय पर खुलना, बच्चों की कम से कम 90 प्रतिशत उपस्थिति, कम वजन वाले बच्चों को अतिरिक्त पोषण आहार दिया जाना, नियमानुसार टेक होम राषन दिया जाना का कार्य नियमित रूप से पूर्ण किया जाये। मुख्य रूप से सभी शासकीय मीडिल स्कूल, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में किशोर बालक-बालिकाओं को हर सप्ताह आयरन की गोली की प्रदायगी के साथ इनका उपयोग सुनिष्चित कराया जाये। कलेक्टर ने हिदायत दी हैं कि किषोरी बालक-बालिकाओ को आयरन की गोलियों के नियमित सेवन सुनिष्चित कराने के लिये स्कूली स्टाफ की बैठक ली जाकर उन्हें इनके उपयोग के लाभ एवं आवष्यकताओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी जाये।
कलेक्टर ने महिला बाल विकास विभाग द्वारा योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिये समय-समय पर मैदानी अमले के लिये आयोजित होने वाले प्रषिक्षण के स्तरीय न होने पर अंसतोष व्यक्त किया। उन्होने कहा कि यह बहुत दुखद हैं कि न केवल नवीन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताऐं अपितू जिन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दस साल का अनुभव हैं उन्हें भी उनके पदीय दायित्वों जिनमें टीकाकरण भी सम्मिलित हैं कि भलीभाति जानकारी नहीं है। कलेक्टर ने प्रषिक्षण के स्तर को सुधारने की आवष्यकता जताते हुए उसकी भलीभाति माॅनीटरिंग के निर्देश महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी एम.एल.मेहरा को दिये। उन्होने हिदायत दी कि आंगनवाड़ी सहायिकाऐं यदि 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों की उपस्थिति सुनिष्चित करती हैं तभी उनका मानदेय दिया जाये।
बैठक में चाई के प्रतिनिधि मनीश सक्सेना ने बताया कि रतलाम जिले में कुपोषण एवं एनिमिया की स्थिति में सुधार के लिये संस्था द्वारा दो समन्वयक नियुक्त किये गये है। जो तीन-तीन विकासखण्डों में गतिविधियों का समन्वय करेगे। संस्था द्वारा मुख्य रूप से एनिमिया नियंत्रण कार्यक्रम, पूरक पोषण आहार, आई.सी.डी.एस. की आपूर्ति एवं वितरण व्यवस्था में सुधार लाना एनिमिया एवं कुपोषण में कमी के लिये जल शुद्धिकरण तथा स्वच्छता जैसे मुद्दों पर कार्य करना तथा स्वास्थ्य महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं की क्षमता, निर्माण का कार्य किया जायेगा।