December 26, 2024

सिंहस्थ में दस गुना अधिक कीमतों पर की खरीदी,कांग्रेसी विधायकों ने किया दावा,

shihast2016

जो निर्माण हुए वे भी घटिया

उज्जैन29 अगस्त(इ खबरटुडे)।पिछले दिनों सिंहस्थ निर्माण कार्यों की जांच करने आए कांग्रेसी विधायकों के दल ने दावा किया है कि सिंहस्थ में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है और कई जगह तो दस गुना से भी अधिक कीमतों में सामान खरीदकर अधिकारियों ने जनता का पैसा डकार लिया है। वहीं जो निर्माण कार्य हुए है वे भी घटिया दर्जे के हुए हैं। सिंहस्थ में हुए घोटाले को लेकर कांग्रेस विधायकों द्वारा समिति बनाई गई है।
जिसमें शामिल विधायक बाला बच्चन, रामनिवास रावत, मुकेश नायक, जीतू पटवारी, जयवर्धनसिंह, रजनीश सिंह एवं प्रदेश प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने 21 अगस्त को उज्जैन में दौरा किया गया जिसमें पाया गया कि महाकाल मंदिर स्थित नंदीहाॅल मंडपम में पानी टपक रहा है।

इंदौर-उन्हेल-उज्जैन मार्ग जर्जर अवस्था में पहुंच गया है। खान नदी का डायवर्सन अभी तक अपूर्ण है। शौचालय निरीक्षण करने पर हल्के स्तर के पाये गये। वृक्षारोपण कहीं नहीं मिला। पीएचई की अस्थाई पाईप लाईने स्थाई पाईप लाईनों की तुलना में तीन गुना अधिक दर पर खरीदी गई। सरकार 12 हजार में बना रही सिंहस्थ में 25 हजार के बने शौचालय विधानसभा प्रश्नों के उत्तर में कई अनियमितता एवं विरोधाभास हैं। 2771.65 करोड़ रूपये के प्रस्तावित व्यय में से 2000.93 करोड़ रूपये व्यय जुलाई 2016 तक किये गये जब लगभग 770 करोड़ रूपये व्यय करना शेष थे तो फिर मानसून सत्र में 403 करोड़ रूपये अनुपूरक बजट में 403 करोड़ रूपये का प्रावधान क्यों किया गया। वहीं स्वतंत्रता वहीं स्वतंत्रता दिवस के मुख्यमंत्री के संदेश वाचन में 3377 करोड़ रूपये सिंहस्थ पर व्यय बताया गया है। शौचालय 25-30 हजार रूपये दर पर किराये पर लिये गये जबकि स्थाई शौचालय केन्द्र सरकार 12 हजार में बनवा रही है। 500 कटका स्टैण्ड 3999 रूपये प्रत्येक की दर से 19.95 लाख रूपये के खरीदे गये। रेट्रो रिफ्लेक्टिव बोर्ड कहीं 23 हजार 940 रूपये की दर से खरीदा गया कहीं 12 हजार 540 रूपये की दर से।
अधिकारियों के भोजन के लिए 50 लंच बाॅक्स 1900 रूपये प्रत्येक की दर से 95 हजार रूपये के खरीदे गये। कूलर कहीं पर 10 हजार 32 रूपये की दर से तो कहीं 10 हजार 580 तो कहीं 8800 एवं 9200 की दर से खरीदे गये। 225 एचपी डेक्सटाॅप 40 हजार 704 की दर से तो कम्प्यूटर 54 हजार 844 की दर से एवं नोटबुक लेपटाॅप 48 हजार 600 की दर से खरीदे गये। अधिकारियों के निवास के
लिए 50 मिरर 2 हजार प्रत्येक की दर से खरीदे गये। स्टापर एक स्थान पर 4410 रूपये प्रत्येक की दर से एवं एक स्थान पर 8662 रूपये प्रत्येक की दर से खरीदे गये। 400 टंकियां 14 हजार रूपये की दर से एवं टंकी स्टैंड 8260 रूपये की दर से खरीदे गये। महेश्वर में महिला पुरूष मुत्रालय 51 हजाररूपये प्रत्येक की दर से लिये गये। वस्त्र परिवर्तन कक्ष महेश्वर में 16 हजार 900 रूपये, मंडलेश्वर में 14 हजार 444 की दर से एवं आंकारेश्वर में 52 हजार 605 रूपये प्रत्येक की दर से लिये गये। चलित शौचालय, जल प्रदाय टैंकर, स्ट्रीट लाईट फिटिंग में भी भ्रष्टाचार किया गया। कप प्लेट सेट, चम्मच सेट, नाश्ते की प्लेट, बहुत अधिक दर पर खरीदी गई। बिना टिन नंबर की फर्मो की सप्लाई दी गई। सर्दियों में लगाये जाने वाले 34 हजार वेसलीन गर्मियों में चल रहे सिंहस्थ के लिए 99.9. रूपये की दर से यानी लगभग 34 लाख रूपये की खरीदी गई।

सरकार का जवाब
मध्यप्रदेश शासन नगरी विकास एवं आसास विभाग के अवर सचिव आर.एस. वर्मा ने mप्रश्नों के उत्तर में जवाब दिया कि सिंहस्थ 2016 में वर्ष 2010-11 सेवर्ष 2016-17 तक कुल 2771.85 करोड़ रूपये राशि खर्च की जाना प्रस्तावित था। जिसमें 2010-11 में 51 करोड़, 11-12 में 5 करोड़, 12-13 में 105 करोड़, 13-14 में 150 करोड़, 14-15 में 365 करोड़, 15-16 में 1703 करोड़ और वर्ष 2016-17 में 392.65 करोड़ था। सिंहस्थ में कुल 2000.93 करोड़ की राशि अब तक खर्च की गई। सिंहस्थ में टाॅयलेट किराये पर लेकर स्थापित करने का कार्य किया गया। जिसमें इंडियन टाॅयलेट टाईप-1 दर 20,005 प्रति यूनिट, वेस्टर्न टाईप 1 दर 21,473 प्रति यूनिट, इंडियन टाईप-2 दर 31,000 प्रति यूनिट,डिसेबल टाइप-1 दर 23,225 प्रति यूनिट, वेस्टर्न टाईप-2 दर 31,000 प्रति
यूनिट, टाॅयलेट जिला खरगोन में 21,500 प्रति यूनिट, टाॅयलेट जिला आगर मालवा में दर 19,860 प्रति यूनिट में स्थापित की गई। टाईप 1 टायलेट मेंपक्के प्लेटफार्म पर लोहे के एंगल लगाकर ई बोर्ड से कवरिंग कर उचित दरवाजे सहित अस्थाई निर्माण करना तथा टाईप 2 टायलेट में एचडीपीई के तैयार तथा मोड्यूलर किस्म के टाॅयलेट बनाने थे। पंचक्रोशी मार्ग पर अस्थाई टाॅयलेट 9 हजार 250 रूपये, अस्थाई वेस्टर्न टाॅयलेट 9 हजार 950 तथा अस्थाई डिसबल्ड टाॅयलेट 9 हजार 950 रूपये की दर से बनाये गये। टाॅयलेट क्रय अथवा किराये पर लिये जाने एवं स्थापित करने का कार्य प्रत्येक ठेकेदार ने एक साथ ही किया।

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