सहकारी संस्थाओं के पेंशनर्स विभिन्न मांगाें को लेकर आन्दोलन करेंगे
सरकारें पेंशनभोगियाें का सम्मानपूर्वक जीवन सुनिश्चित करे-श्री जोशी
प्रान्तीय अधिवेशन सम्पन्न
रतलाम15 सितम्बर(इ खबरटुडे)। सहकारी संस्थाओं के पेंशनर्स, सहकारी क्षेत्र के सेवानिवृत कर्मचारियों की विभिन्न मांगो को लेकर जिला एवं प्रदेश स्तर पर केन्द्रीय एवं राय सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिये चरणबध्द सहकारी बैंक एवं सहकारी संस्थाओं के पेंशनर्स महासंध का प्रांतीय अधिवेशन रविवार को उमरावमल गुप्ता सभागृह में अपेक्स बैंक भोपाल के पूर्व प्रबंध संचालक पं. श्रीराम शरण शर्मा के मुख्य आतिथ्य में , पत्रकार शरद जोशी के विशेष आतिथ्य एवं संस्था के अध्यक्ष रामचन्द्र गोयल की अध्यक्षता में आयोजित किया गया ।
श्री शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि सहकारी संस्थाओं के सेवानिवृत कर्मचारियों की मांगाें को स्वीकृत करने के लिये सांसदो और विधायको पर दबाव बनाया जाना चाहिए आजादी के इतने वर्ष बाद भी सरकारों ने इन कर्मचारियों के हितों की और ध्यान नहीं दिया अब समय आ गया है । हमें अपनी मांगो के लिये जिला एवं प्रदेश स्तर पर योजनाबध्द आंदोलन करने का । इस आंदोलन में उन कर्मचारियों को भी मदद करना चाहिए जो अभी सेवानिवृत नहीं हुए लेकिन एक दिन वे भी सेवानिवृत होगे इसलिये अभी से उन्हे अपनी स्थिति मजबूत करना होगी ।
श्री जोशी ने कहा कि सरकारें पेंशनभोगियाें का सम्मानपूर्वक जीवन सुनिश्चित करे तथा इनकी दक्षता और अनुभव का इस्तेमाल करे ताकि इनके अनुभव का लाभ समाज को मिल सके । सेवानिवृत लोंगो की संख्या बढ़ रही है लेकिन नई भर्ती नहीं हो रही है जिसके कारण सरकार की योजनाएॅ समय पर नहीं बन पा रही है और नहीं समय पर यिान्वित हो पा रही है । उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि सहकारी बैंको के कर्मचारियों को मात्र 500 रू पेंशन मिल रही है जो हाल ही बढ़कर 1000 रू मोदी सरकार ने की है । पेंशन की इस राशि से कोई परिवार कैसे गुजर बसर कर सकता है । सरकार को चाहिये कि वह इन सेवानिवृत कर्मचारियों को सम्मानजनक राशि दे तथा इनका उपयोग सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाने के लिये करे ।
सम्मेलन में सभी ने एकजुट होकर आंदोलन की रूपरेखा बनाने का निर्णय लिया तथा मुख्यमंत्री जी से मांग र्की कि सभी सहकारी बैंको के सेवानिवृत कर्मचारियों के लिये सकल लाभ में से एक प्रतिशत नामे कर पेंशन फंड बनाया जावे इससे राय शासन पर कोई वित्तीय भार भी नहीं पडेगा । कर्मचारी कल्याण कोष के नाम से वेतन में कटौत्रा होता है लेकिन सेवा मे रहते हुए इसका लाभ नहीं मिलता । शासकीय पेंशनरों की भांति इन पेंशनधारियों को भी चिकित्सा बिलों का भुगतान इस फंड से किया जाए साथ ही कर्मचारी की मृत्यु एवं सेवानिवृति के बाद अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान किया जाए ।
सम्मेलन में केन्द्रीय श्रम मंत्री से ई.पी.एफ पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन वृध्दि राशि 1 सितम्बर 2014 के बजाय वर्ष 2001 से लागू कर इस एरियर राशि का भुगतान किया जाए साथ ही इस योजना की जॉच की जाए कि प्रतिवर्ष जमा फंडस का कहॉ विनियोजन किया गया और कर्मचारियों को इसका लाभ क्यों नहीं मिला ।
सम्मेलन के प्रांरभ में महासंघ के अध्यक्ष रामचन्द्र गोयल ने स्वागत भाषण देते हुए उपरोक्त मांगो पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि पेंशन राशि 1000 रू दिया जाना पर्याप्त नहीं इसे 5000 रू किया जावे । घोषणापत्र में भाजपा ने इस आशय का वायदा भी किया है । उन्होने कहा कि हमें अपनी मांगो को स्वीकृत कराने के लिये आंदोलन की रूपरेखा बनाना होगी जिसका सर्वानुमति से व्यापक समर्थन किया गया और कई वक्ताओं ने इस संबध में अपने विचार भी व्यक्त किये । श्री गोयल ने वार्षिक लेखा जोखा भी प्रस्तुत किया जो सर्वानुमति से स्वीकृत हुआ ।
श्री गोयल पुन: अध्यक्ष बने
सम्मेलन में अतिथियों के साथ ही 70 वर्ष से अधिक आयु के सदस्यों का शाल श्रीफल भेटकर अभिनंदन किया। इस मौके पर निर्वाचन भी हुए जिसमें रतलाम के रामचन्द्र गोयल को सर्वानुमति से पुन: अध्यक्ष चुना गया साथ ही कार्यसमिति गठित करने का अधिकार भी साधारण सभा ने दिया ।
सम्मेलन में रमेंश मालवीय इन्दौर, आर.के जैन देवास, विम सिंह देवडा झाबुआ, प्रकाश कावडिया धार, माणकलाल सोनी, राधेश्याम गंगवाल मंदसौर , भेरूसिंह तंवर नीमच,लालचन्द्र जैन उजैन, प्रेमचंन्द्र जैन शाजापुर, के. एम अग्रवाल, भंवरलाल पुरोहित सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए संगठन को मजबूत बनाने तथा पेंशनर्स की समस्याओं को हल कराने के लिये त्वरित कदम उठाने की मांग की। अन्त में आभार शांतिलाल नागौरी ने व्यक्त किया। प्रदेश भर से 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।