May 3, 2024

संघ प्रमुख बोले, दुनिया में सबसे अधिक संतुष्ट हैं भारतीय मुसलमान, अपने स्‍वार्थ के लिए अलगाववाद फैलाते हैं चंद लोग

नई दिल्ली,10 अक्टूबर (इ खबर टुडे)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि भारतीय मुसलमान दुनिया में सबसे अधिक संतुष्ट हैं और किसी तरह का अलगाववाद सिर्फ उन लोगों द्वारा फैलाया जाता है, जिनके निजी हित प्रभावित होते हैं। एक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में संघ प्रमुख ने कहा कि जब भारतीयता की बात आती है तो सभी धर्मों के लोग एक साथ खड़े होते हैं। मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप की सेना में कई मुस्लिम मुगल शासक अकबर के खिलाफ लड़ रहे थे।

भागवत ने कहा कि भारत की यह परंपरा रही है कि जब देश की संस्कृति पर हमला होता है, तो सभी धर्मों के लोग एकजुट हो जाते हैं। भागवत ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या दुनिया में कोई दूसरा उदाहरण है, जहां लोगों पर शासन करने वाले किसी विदेशी धर्म का अस्तित्व वर्तमान में बचा हुआ हो? उन्होंने कहा कि ऐसा कहीं नहीं है। ऐसा सिर्फ भारत में है। भारत के विपरीत पाकिस्तान ने अन्य धर्मावलंबियों को अधिकार नहीं दिया है।

भागवत ने कहा कि पाकिस्‍तान का गठन मुसलमानों के लिए अलग देश के तौर हुआ था। हमारा संविधान यह नहीं कहता है कि यहां सिर्फ हिंदू रह सकते हैं या यदि आपको यहां रहना है, तो हिंदुओं की श्रेष्ठता स्वीकार करनी होगी। यह हमारे राष्ट्र की प्रकृति है। यह अंतर्निहित स्वभाव ही हिंदू कहलाता है। हिंदू का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि कौन किसकी पूजा करता है। धर्म जोड़ने वाला, उत्थान करने वाला और सभी को एक सूत्र में पिरोने वाला होना चाहिए।

संघ प्रमुख ने कहा कि जब भी भारत और इसकी संस्कृति के लिए त्‍याग और इसके रक्षा की भावना जगती है… पूर्वजों के प्रति गौरव की भावना बलवती होती है तो सभी धर्मों के बीच की दूरी खत्‍म हो जाती है। ऐसे में सभी धर्मों के लोग एक साथ उठ खड़े होते हैं। भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण केवल परंपरागत उद्देश्यों के लिए नहीं है। यह राष्ट्रीय मूल्यों और चरित्र का प्रतीक है।

संघ प्रमुख ने कहा कि सच्‍चाई यह है कि इस देश के लोगों के मनोबल तोड़ने के लिए और सांस्‍कृतिक मूल्‍यों का दमन करने के लिए मंदिरों को तोड़ा गया। यही वजह है कि लंबे समय से हिंदू समाज मंदिरों का पुनर्निर्माण चाहता था। आक्रांताओं द्वारा हमारे जीवन को त्रस्त किया गया। हमारे आदर्श भगवान श्रीराम के मंदिर को गिराकर हमें अपमानित किया गया। आज हम फि‍रसे इसका पुनर्निर्माण करना चाहते हैं इसलिए भव्य मंदिर बनाया जा रहा है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds