July 3, 2024

विष्णु सदाशिव कोकजे बने विश्व हिन्दू परिषद के नए अध्यक्ष, प्रवीण तोगड़िया की बढ़ सकती है मुश्किलें

नयी दिल्ली,14 अप्रैल(इ खबरटुडे)। विश्व हिन्दू परिषद में अध्यक्ष पद के लिए विष्णु सदाशिव कोकजे को चुन लिया गया है। विहिप में पहली बार चुनाव के जरिए अध्यक्ष पद का चयन किया गया। अध्यक्ष पद के लिए वर्तमान अध्यक्ष राघव रेड्डी और विष्णु सदाशिव कोकजे के बीच मुकाबला था। विश्व हिन्दू परिषद के चुनाव में कुल 273 मतदाता अपने मतों का इस्तेमाल कर नए अध्यक्ष पद का चयन किया।

विश्व हिन्दू परिषद के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चयन के लिए चुनाव प्रक्रिया गुरुग्राम के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में जारी समपन्न हुई। अध्यक्ष पद के चयन के लिए चुनाव प्रक्रिया गुरुग्राम के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में आयोजित कि गई थी।

विश्व हिन्दू परिषद के चुनाव में कुल 273 मतदाता अपने मतों का इस्तेमाल कर नए अध्यक्ष पद का चयन करेंगे। चुनाव का सुबह 11 बजे से प्रारंभ होकर दोपहर 3 बजे तक चलें। इस बार विश्व हिन्दू परिषद में अध्यक्ष पद के लिए वर्तमान अध्यक्ष राघव रेड्डी और हिमाचल प्रदेश के पूर्व गवर्नर विष्णु सदाशिव कोकजे के बीच था।

कौन है विष्णु सदाशिव कोकजे
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए विष्णु सदाशिव कोकजे ने चुनाव जीत लिया है। कोकजे का जन्म 6 सितंबर 1939 को मध्य प्रदेश में हुआ था। उन्होंने इंदौर से वकालत की परीक्षा पास की 1964 में वकील के तौर पर काम करना शुरू कर दिया।

कोकजे 1990 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज नियुक्त किए गए। फिर 2001 में वह राजस्थान हाईकोर्ट के जज बने। इसके बाद कोकजे 2003 से 2008 तक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। कोकजे संघ से जुड़ी संस्था भारत विकास परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं।

वीएचपी ने क्यों कराया चुनाव
विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना से लेकर अबतक पिछले 52 सालों में पहली बार हुआ है कि विश्व हिन्दू परिषद अध्यक्ष पद के लिए चयन के लिए चुनाव प्रक्रिया से चुना गया हो। पिछले पांच दशकों से विश्व हिन्दू परिषद ने अध्यक्ष पद के लिए कोई भी चुनाव नहीं कराया गया हैं।

गौरतलब है कि वीहिप अध्यक्ष पद के लिए आपसी सहमति से किसी एक सदस्य का चुनाव कर लिया जाता था। और उसी व्यक्ति को सामूहिक रजामंदी से वीहिप का अध्यक्ष चुन लिया जाता था।

लेकिन इस बार विहिप की स्थापना के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि अध्यक्ष पद के लिए किसी एक नाम पर सहमति ना बनने पर विहिप ने चुनाव कराने का फैंसला किया गया। जिसे लेकर आगामी 14 अप्रैल को दिल्ली से सटे गुरुग्राम में चुनाव कराने का ऐलान किया गया था।

प्रवीण तोगड़िया के लिए मुश्किल
विहिप से स्थापना से लेकर अब तक ऐसा पहली बार हो रहा है कि अध्यक्ष पद के लिए किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई थी। विहिप के अध्यक्ष पद के लिए जिन लोगों ने अपनी दावेदारी ठोकी थी उनमें हैदराबाद के राधव रेड्डी और दूसरे हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जज विष्णु सदाशिव कोकजे के नाम शामिल थे।

इनके इलावा विहिप के मौजूदा कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया जो पिछले काफी सालों से विहिप कार्यकारी अध्यक्ष पद पर काबिज है का भविष्य भी तय होना है। विहिप में अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद चुनाव के आधार पर होता है, जबकि कार्यकारी अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष नामांकन प्रक्रिया से होता है, जिसे खुद अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनता है।

सूत्रों के मुताबिक विहिप अध्यक्ष पद के लिए इस बार विहिप के भीतर ही गुटबाजी तेज हो गई है। दरअसल संघ नहीं चाहता हैं कि प्रवीण तोगड़िया वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष और राघव रेड्डी वीएचपी के अध्यक्ष बने रहे।

वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया और वीएचपी के अध्यक्ष राघव रेड्डी  का कार्यकाल पिछले साल दिसम्बर में ही ख़त्म हो गया था। वीएचपी के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए बीते 29 दिसंबर को भुवनेश्वर संगठन के कार्यकारी बोर्ड की बैठक हुई थी।

आरएसएस राघव रेड्डी की जगह वी. कोकजे को अध्यक्ष बनाना चाहता था, लेकिन तोगड़िया और उनके समर्थकों ने हंगामा करके चुनाव को नहीं होने दिया था। इसी के चलते नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो सका।

वहीं संघ के जानकार बताते हैं कि प्रवीण तोगड़िया और पीएम मोदी के बीच लड़ाई पुरानी है। सूत्रों को माने तो प्रवीण तोगड़िया ने गुजरात विधानसभा के दौरान बीजेपी के विरुद्ध पाटीदार नेता हार्दिक पटेल से गुपचुप मुलाकातें भी की थी और चुनाव के दौरान बीजेपी के खिलाफ वोटरों को भड़काने की कोशिश भी की थी।

जिसके चलते प्रवीण तोगड़िया संघ और बीजेपी के निशाने पर आ गए है। गौरतलब है कि प्रवीण तोगड़िया ने पीएम मोदी पर उनका एनकाउंटर कराने का आरोप भी लगाया था।

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