विक्रम विश्वविद्यालय लीडरशीप, मैनेजमेंट व गवर्नेंस में कमजोर
उज्जैन03 फरवरी(इ खबरटुडे)। विक्रम विश्वविद्यालय की कार्य प्रणाली को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) पिछले दिनों विवि के मूल्यांकन हेतु उज्जैन आई थी। नैक ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। जिसमें विवि को लीडरशीप, मैनेजमेंट और गवर्नेंस में सबसे कम अंक मिले हैं।
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने विक्रम विवि के विभिन्ना पहलुओं पर सूक्ष्मता से अध्ययन के बाद रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में विवि को विभिन्ना पहलुओं पर प्राप्त अंकों का उल्लेख है। सात मापदंडों पर विवि का नैक ने मूल्यांकन किया है। सबसे कम अंक विवि को गवर्नेंस, लीडरशीप और मैनेजमेेंट में मिले हैं।
तीनों ही अत्यधिक महत्वपूर्ण पक्ष हैं और इसमें विवि के कमजोर होने से अफसरों पर सवाल खड़े हो गए हैं। कुलपित प्रो.एसएस पांडे ने विवि के सर्वांगीण विकास की बात कही है, लेकिन रिपोर्ट के बाद अब उन्हें इस दिशा में काफी गंभीरता से सोचना पड़ेगा।
नवंबर 2020 तक मान्य
विवि का नैक से लंबे समय बाद मूल्यांकन हुआ है। नैक मूल्यांकन के आधार पर ही विवि प्रशासन को विभिन्ना मद व योजनाओं के तहत शासन और यूजीसी से ग्रांट मिलती है। विवि की ए ग्रेड नवंबर 2020 तक मान्य रहेगी।
कंफर्मेशन न होने से शिक्षकों में असंतोष
विवि की विकास के लिए शिक्षकों ने नैक मूल्यांकन हेतु विवि प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया था। ताबड़तोड़ कार्य कर मूल्यांकन को अंजाम दिया गया। शिक्षकों को उम्मीद थी कि इसका पुरस्कार उन्हें विवि प्रशासन द्वारा कंफर्मेशन कर मिलेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सूत्रों के मुताबिक तब से विवि अधिकारी और शिक्षकों के बीच आपसी तालमेल में कमी नजर आ रही है।