विक्रम कोठारी के बंगले में दूसरे दिन भी जारी है CBI रेड, नहीं चुकाए 7 बैंकों के 3695 करोड़ रुपए
कानपुर.20 फरवरी (इ खबरटुडे)। सीबीआई ने सोमवार सुबह विक्रम कोठारी के कानपुर स्थित घर समेत कुल 3 ठिकानों पर छापा भी मारा है। वहीं, मंगलवार को भी सुबह से कोठारी के बंगले में सीबीआई की छापेमारी चल रही है।व हीं, सोशल मीडिया में कोठारी के देश छोड़ने की खबरें आई थीं। इसके बाद कोठारी ने कहा कि वे भागे नहीं हैं। रविवार को वे कानपुर की एक शादी में देखे गए। सीबीआई ने रोटोमैक कंपनी और इसके डायरेक्टर्स के खिलाफ बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर केस दर्ज किया है। शिकायत में कहा गया है कि रोटोमैक और विक्रम कोठारी समेत 3 डायरेक्टर्स ने 7 बैंकों के 3695 करोड़ रुपए नहीं चुकाए, इन लोगों ने धोखाधड़ी करके ये लोन हासिल किया था। उधर, एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने भी विक्रम कोठारी के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग का केस दर्ज किया है।
-सीबीआई ने कोठारी परिवार के सदस्यों के मोबाइल फोन व नौकरों के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं। किसी को भी भी बंगले के बाहर जाने व अन्दर आने को बैन कर दिया गया है। सीबीआई ने घर से बैंक डिटेल, प्रॉपर्टी के कागजात, पेन ड्राइव, लेपटाप व परिवार के सभी सदस्यों के पासपोर्ट जब्त कर लिए हैं।
– लखनऊ सीबीआई के डिप्टी डायरेक्टर पीके सिंह के अगुवाई में पांच सदस्यी टीम ने छापेमारी कर रही है। विक्रम कोठारी की पत्नी साधना और बेटे राहुल को लोन डिफाल्टर घोषित किया है और इन्हें आरोपी बनाया है। सीबीआई की यह जांच दो पहलुओ पर कर रही है। पहला पहलु यह है बैंको ने इतना बड़ा लोन दिया तो मनको का ध्यान दिया गया या नहीं। इसके साथ ही दूसरा पहलु यह है कि विक्रम कोठारी ने कौन सी प्रापर्टी के आधार पर बैंकों से लोन लिया और कागजों पर सिर्फ इसकी खानापूर्ति तो नहीं हुई है।
क्या कहा कोठारी के वकील ने?
सोमवार शाम को विक्रम कोठारी के वकील सरद बिरला के कहा- विक्रम कोठारी ने फ्राड नहीं किया है। यह मात्र बैंक लोन का मामला है हमारा केस ट्रिब्यूनल में है और 20 फरवरी को बैंक के साथ बैठक है। बैंक से जो कर्ज लिया गया उसे अदा नहीं किया गया है, लेकिन फिर भी कार्रवाई हो रही है।
किन पर केस दर्ज हुआ?
– सीबीआई ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, इसके डायरेक्टर विक्रम कोठारी, साधना कोठारी, राहुल कोठारी और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर केस दर्ज किया है।
सीबीआई और ED ने क्या केस दर्ज किए?
– न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीबीआई ने बताया कि शिकायत में कहा गया- रोटोमैक केस में साजिशकर्ताओं ने 7 बैंकों के कॉन्सर्टियम को धोखा दिया और बेइमानी से 2919 करोड़ रुपए का बैंक लोन निकाला। इसमें लोन का इंट्रेस्ट शामिल नहीं किया गया है। ब्याज जोड़कर ये रकम 3695 करोड़ रुपए हो जाती है।
रोटोमैक ने कितने बैंकों का पैसा नहीं चुकाया?
– रोटोमैक डायरेक्टर्स ने बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से ये लोन लिया था।
कोठारी पर कितने बैंकों का कर्ज?
– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कोठारी ने इलाहाबाद बैंक से 352 करोड़, यूनियन बैंक से 485 करोड़ समेत कुल 5 नेशनलाइज्ड बैंकों से करीब 800 करोड़ का कर्ज लिया है। आरोप है कि रोटोमैक ने कर्ज नहीं चुकाया और इसके लिए बैंकों ने नियमों को ताक पर रखा।
– यूनियन बैंक के ब्रांच मैनेजर पीके अवस्थी ने बताया कि हमारे यहां 485 करोड़ का एनपीए है। लोन की वसूली के लिए कुर्की और प्रॉपर्टी बेचकर भरपाई होगी। किसी लोन की वापसी नहीं होने पर इसे एनपीए कर दिया जाता है।
कैसे सामने आया कोठारी का केस?
विक्रम कोठारी के खिलाफ 600 करोड़ का बाउंस चेक देने का केस हुआ है। इस मामले में आरबीआई ने इलाहाबाद बैंक को नोटिस भेजा है।
– बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर सीबीआई ने कोठारी के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके बाद अफसरों ने सोमवार को उनके ठिकानों पर छापेमारी शुरू की।
– कानपुर के माल रोड पर स्थित रोटोमैक का ऑफिस पिछले एक हफ्ते से बंद है। 11, 356 करोड़ के पीएनबी घोटाले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी, मेहुल चौकसी के बाद सोशल मीडिया में कोठारी के देश छोड़ने की खबरें आईं।