मुलायम हुए कठोर, सीएम अखिलेश को पार्टी से किया बाहर
उत्तर प्रदेश,30 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। उत्तर प्रदेश की सियासत में साल बीतते-बीतते बड़ा भूचाल आ गया है। अभूतपूर्व घटनाक्रम के तहत समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और चचेरे भाई रामगोपाल यादव को पार्टी से बाहर कर दिया है। मुलायम ने भारी मन से कहा, ‘रिश्ते से बड़ी उनके लिए पार्टी है। उन्होंने व उनके साथियों ने बड़ी मेहनत से पार्टी को खड़ा किया है और वो उसे टूटने नहीं देंगे। भला कोई बाप बेटे के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करता है लेकिन मुझे करनी पड़ रही है।’
मुलायम अखिलेश की जगह किसी दूसरे को सीएम बनाने की तैयारी में
इस घटनाक्रम के साथ ही 25 साल पुरानी सपा मुलायम परिवार के आपसी झगड़े के चलते दो फाड़ होने की कगार पर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने अपनी सरकार बचाने की भी चुनौती आ खड़ी हुई है। अब मुख्यमंत्री को विधायकों का बहुमत अपने पाले में करके दिखाना होगा। अपने पिता व चाचा शिवपाल से जुड़े विधायकों को अपने साथ लाए बिना अखिलेश के लिए अब बहुमत साबित करना मुश्किल होगा। माना जा रहा है कि मुलायम अखिलेश की जगह किसी दूसरे को सीएम बनाने की तैयारी में हैं।
शनिवार को दिन भर चला सियासी दंगल अखिलेश व रामगोपाल यादव के छह साल के निष्कासन के बाद और तेज हो गया है। अखिलेश यादव द्वारा अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करने और इसके बाद पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा अलग से राष्ट्रीय अधिवेशन बुला लिए जाने पर सपा मुखिया को अहसास हो गया कि अब पानी सिर से ऊपर हो गया है।
उन्होंने आनन-फानन में पहले तो बेटे व भाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया और इसके दो घंटे बाद ही पार्टी से यह कह कर निकाल दिया कि अनुशासनहीनता नहीं चलने दी जाएगी, पार्टी को टूटने नहीं दूंगा। इसके लिए मुलायम ने आनन-फानन में प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर घोषणा कर दी। मुलायम सिंह यादव ने सपा दफ्तर में हुई प्रेस कांफ्रेंस में शाम को कहा कि जो भी एक जनवरी के अधिवेशन में हिस्सा लेगा, उसे पार्टी से निकाला दिया जाएगा। प्रत्याशियों की सूची तय करने का अधिकार केवल पार्टी अध्यक्ष को है। कोई दूसरा इस तरह प्रत्याशी तय नहीं कर सकता।
अखिलेश का भविष्य खत्म कर रहे हैं रामगोपाल
मुलायम ने पत्रकारों से कहा कि रामगोपाल अखिलेश यादव को गुमराह कर उनका भविष्य खत्म कर रहे हैं। इन दोनों ने पार्टी का अनुशासन तोड़ा है। रामगोपाल का तो पार्टी में कोई योगदान नहीं है। रामगोपाल के बुलाए अधिवेशन में पार्टी नेताओं और मंत्रियों का शामिल होना उसे भी अनुशासनहीनता माना जाएगा। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा उसका वो जल्द ऐलान करेंगे। उनको यह अधिकार है कि कौन मुख्यमंत्री रहेगा।
अखिलेश माफी मांगेगे तो देखेंगे
मुलायम ने कहा कि मुख्यमंत्री को ये समझ नहीं है। मुख्यमंत्री तो निर्विवाद होता है। क्या हम सीएम नहीं रहे। ऐसा नहीं है, मेरी इच्छा के खिलाफ भी बहुत कुछ होता रहा। सबको साथ लेकर चलना पड़ता है। मुलायम ने कहा कि अखिलेश को कौन मुख्यमंत्री बना रहा था। हमने इन्हें बड़े मन से मुख्यमंत्री बनाया। ..आप ही बताओ क्या किसी ने ऐसा काम किया है? इस तरह पार्टी नहीं चलती है। कभी किसी ने खुद के बजाए किसी को मुख्यमंत्री बनाया हो। चाहे वह अंग्रेजी राज हो या मुगलराज। मुलायम बोले, मैं क्या दौरा नहीं कर सकता। मेरी सेहत पूरी तरह ठीक है।
उन्होंने राम गोपाल को जमकर आड़े हाथ लिया कहा कि राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाने का हक केवल उन्हें है। उन्हें पार्टी संविधान की जानकारी नहीं है। कैसे भला कोई इतनी जल्दी पार्टी सम्मेलन बुला सकता है। क्या उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष से इसकी अनुमति ली थी लेकिन मुख्यमंत्री जी भी हैं कि समझ नहीं रहे हैं।