November 15, 2024

महाराणा का चित्र पोतने के मामले में अधिवक्ता परिषद ने की निर्वाचन आयोग को शिकायत

रतलाम,26 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। ग्राम रुगनाथगढ के शासकीय विद्यालय में आचार संहिता के नाम पर महाराणा प्रताप का चित्र पोतने का मामला तूल पकडता जा रहा है। अब अधिवक्ता परिषद ने इस मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग से की है।
अधिवक्ता परिषद के प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य प्रकाश राव पंवार ने बताया कि ग्रामीण एसडीएम शिराली जैन द्वारा आचार संहिता के नाम पर महाराणा प्रताप के चित्र पर चूना पुतवाने का आदेश दिया जाना पूर्णत: अस्वीकार्य है। चुनाव के दौरान आदर्श आचरण संहिता इसलिए लागू की जाती है,जिससे कि निर्वाचन की प्रक्रिया पूर्णत: पारदर्शी और पक्षपात रहित रहे। किसी राजनैतिक दल द्वारा मतदाताओं और मतदान को अवैध तरीके से प्रभावित ना किया जा सके और ना ही किसी दल विशेष का अनधिकृत रुप से प्रचार हो सके। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आचार संहिता की मनमानी व्याख्या कर उठपटांग निर्णय लिए जा रहे हैं।
श्री पंवार ने कहा कि महाराणा प्रताप पूरे भारत वर्ष के जन जन के नायक है,जिन्होने मुगलों के विरुध्द संघर्ष किया था। विद्यालयों में ऐसे महापुरुषों के चित्र बच्चों को प्रेरणा देने के लिए लगाए जाते है। महाराणा प्रताप को किसी राजनैतिक दल,क्षेत्र या जाति से नहीं जोडा जा सकता। ऐसे जननायक के चित्र को आचार संहिता के नाम पर मिटाना या बिगाडना स्वयं में एक आपराधिक कृत्य है। ऐसे कृत्यों से जनभावनाएं आहत होती है।
श्री पंवार ने कहा कि स्कूल की दीवार पर महाराणा प्रताप के चित्र को सम्पत्ति विरुपण बताया जाना मानसिक दिवालियेपन का द्योतक है। स्कूल की दीवारों पर महाराणा प्रताप का चित्र किसी अन्य ने नहीं बल्कि स्कूल प्रशासन द्वारा स्वयं बनवाया गया था। इसे सम्पत्ति विरुपण कैसे कहा जा सकता है।श्री पंवार ने बताया कि स्कूल की दीवारों पर महाराणा प्रताप के अलावा छत्रपति शिवाजी व अन्य महापुरुषों के भी चित्र बनाए गए थे। प्रशासनिक अधिकारियों ने सिर्फ महाराणा प्रताप के चित्र को ही सम्पत्ति विरुपण माना,अन्य चित्रों को नहीं। इसीलिए सिर्फ महाराणा प्रताप के चित्र पर चूना पोता गया। श्री पंवार ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी अपने कृत्यों में सामान्य तर्क बुध्दि का प्रयोग भी नहीं करते हैं। यदि महापुरुषों के चित्र आचार संहिता का उल्लंघन है,तो नोटों पर महात्मा गांधी के चित्र छपे हुए होते है,इन्हे क्या कहा जाएगा? क्या इन्हे भी हटाया जाएगा।
श्री पंवार ने बताया कि प्रशासन के इस निन्दनीय कृत्य के विरुध्द निर्वाचन आयोग को शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत में कहा गया है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने जानबूझकर जनभावनाओं को आहत किया है। उनके विरुध्द कडी कार्यवाही की जाए। अधिवक्ता परिषद के अतिरिक्त कुछ अन्य संस्थाओं व व्यक्तियों ने भी इसी आशय की शिकायत निर्वाचन आयोग से की है।

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