बैंकों के बाहर सुबह से लम्बी कतारें
निजी संस्थानों के कर्मचारियों पर रुपए जमा करने का दबाव
रतलाम,13 नवंबर (इ खबरटुडे)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई नोटबंदी के चलते लोगों ने रविवार की छुट्टी का उपयोग बैंक में रुपए बदलने के लिए करने की ठान ली है। शहर के तमाम बैंकों पर सुबह से लम्बी कतारें लगी हुई है। प्रधानमंत्री द्वारा कालेधन के खिलाफ शुरु किए गए अभियान को देखते हुए निजी स्कूलों और अन्य निजी संस्थानों के मालिकों ने अपने कर्मचारियों पर रुपए जमा कराने का दबाव बनाना शुरु कर दिया है।
रविवार को बैंके खुली रखे जाने का फायदा उठाते हुए बडी संख्या में लोग सुबह से
बैंकों के बाहर कतारें लगा कर खडे हो गए हैं। शहर की तमाम बैंकों के बाहर सड़कों तक नोट बदलवाने वाले और जमा करने वाले लोगों की कतारें लग चुकी है। रुपए बदलवाने और जमा करने के अभियान में महिलाएं भी पीछे नहीं है। बैंकों के बाहर लगी लम्बी कतारों में महिलाओं की भी बडी संख्या देखी जा सकती है।
बैंकों के बाहर लगी कतारों को देखकर यह अंदाजा लगाना कठिन नहीं है कि रुपए बदलवाने वालों को दो से तीन घण्टे का इंतजार करना ही पडेगा। यह इंतजार और अधिक लम्बा भी हो सकता है। हांलाकि बैंकों ने नोट बदलने के लिए आने वाले ग्राहकों की सुविधा के लिए टेण्ट और कुर्सी इत्यादि के इंतजाम किए हैं,लेकिन रविवार को उमडी भीड के सामने ये तमाम इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं।
कर्मचारियों पर रुपए जमा कराने का दबाव
भारी मात्रा में कालाधन जमा करके रखने वाले लोगों ने अपने कालेधन को सुरक्षित रखने के लिए नए नए तरीके खोजने शुरु कर दिए है। पहले व्यवसाईयों और भ्रष्ट अधिकारियों ने इसके लिए जनधन योजना के खाताधारकों के खातों में राशि जमा करने की योजना बनाई थी,लेकिन जनधन योजना के बैंक खातों में पांच हजार रु.से अधिक राशि जमा नहीं करने के निर्देशों के चलते ये योजना असफल हो गई। अब भ्रष्टाचारियों ने और भी नए तरीके खोजना शुरु कर दिए है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक निजी स्कूलों के मालिकों और अन्य निजी संस्थानों के मालिकों ने अपना कालाधन एडजस्ट करने के लिए अब अपने कर्मचारियों पर दबाव बनाना शुरु कर दिया है। वे अपने कर्मचारियों को खुद का कालाधन जमा करने के लिए बाकायदा छुट्टी दे रहे हैं। कर्मचारियों को चालीस हजार रु. तक की राशि एकमुश्त देकर इसे बैंक में जमा कराया जा रहा है। अनेक निजी स्कूलों के मालिकों ने अपने यहां कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाओं को अध्यापन के काम से छुट्टी देकर बैंक में राशि जमा कराने के काम पर लगा दिया है। स्कूल संचालक अपने कर्मचारियों के खातों में राशि जमा कराकर अपने काले धन को फिलहाल उनके खातों में सुरक्षित रखना चाहते है,ताकि बाद में वे इसे सुरक्षित ढंग से वापस ले सके।
हांलाकि आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि छोटे खाताधारकों के खातों पर भी नजर रखी जा रही है। जिस बैंक खातें में अब तक एकमुश्त मात्र पांच दस हजार का ही ट्रांजेक्शन होता रहा है,उन खातों में अगर एकमुश्त चालीस या पैतांलिस हजार रुपए जमा होंगे तो इससे साफ जाहिर होता है कि यह रकम कालेधन की हैै। आयकर विभाग ऐसे खाताधारकों से भी पूरा हिसाब पूछेगा।