पांच-पांच झूटी शादी कराने वाले गिरोह का हुआ पर्दाफाश
इंदौर,02 दिसंबर(इ खबरटुडे)।मूसाखेड़ी इलाके में रहने वाले किराना व्यापारी रंजन तिवारी व उनके परिजन ने आजादनगर थाने में इस मामले की शिकायत की है। तिवारी दिव्यांग है। उन्होंने बताया कि 21 मई को शाजापुर जिले की गांव पोलायकला में रहने वाली 28 वर्षीय नीता शर्मा से आपसी सहमति से विवाह हुआ। स्कीम 78 में रहने वाली आरती नामक महिला ने रिश्ता करवाया। उसने शादी के 55 हजार रुपये लिए।
कभी हिंदू तो कभी मुस्लिम बनकर 5 बार 80 हजार में बिकी दुल्हन
कभी हिंदू तो कभी मुस्लिम बनकर एक लड़की अलग-अलग शहरों में बिकती रही। खरीददार उसे दुल्हन बनाने के लिए खरीदते और गिरोह मोटी रकम लेकर उसे बेच देता। लड़की का सौदा एक गिरोह करता था। गिरोह का मुखिया उसका पति ही है और बाकि सदस्य रिश्तों का सौदा करने वाले दलाल। गैंग ने उसे कभी 80 तो कभी 55 हजार रूपयों में बेचा। आजादनगर के किराना व्यापारी को भी इन्होंने चूना लगा दिया। जब लड़की घर से भागने की फिराक में थी तो परिजन ने सख्ती से पूछताछ की। इस पर वह टूट गई और उसने रैकेट की करतूतों को उगल दिया। परिजन व जनता ने लडकी के पति को पकड़कर पुलिस को सौंपा है। पुलिस गैंग से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
शादी के कुछ दिन बाद लड़की को बहाने बनाकर ससुराल से साथ ले जाता और गायब हो जाता गिरोह
शादी के कुछ दिन बाद वह लड़की को बहाने बनाकर ससुराल से अपने साथ ले जाते और गायब हो जाते। अभी तक वह एक लड़की की पांच लोगों से शादी करा चुके है। जिसमें एक मुस्लिम तो चार हिंदू युवक है।
इन रूपयों से उन्होंने कहा था कि वह लड़की के गहने बनवाएंगे। वकील ने इसकी नोटरी भी की। शादी के बाद नीता ने संबंध बनाने से इनकार कर दिया। उसके बर्ताव को देखकर हम सभी लोग अचरज में थे। छह दिन बाद यानी 29 नवंबर को इंदर नामक शख्स नीता से मिलने आया। वह अपने आप को नीता का भाई बता रहा था। वह उसे अपने साथ ले जाने लगा। जब उससे कहा कि हम नीता को अभी नहीं भेज सकते तो वह धमकाने लगा।
विवाद इस तरह बढ़ गया कि मारपीट हो गई। शक होने पर जब उसका आईकार्ड देखा तो उसमें नीता का आईकार्ड मिला।जिसमें उसका नाम अनिता पति इंदर और पता उज्जैन का था। मोहल्ले वालों ने जब इंदर की धुनाई की और पुलिस को सौंपा तो उसने कबूल कर लिया कि वह लड़की का भाई नहीं पति है और नीता फर्जी नाम है।
फर्जी दस्तावेज बनवाकर दो बच्चों की मां मुस्लिम से बन गई हिंदू
लड़की भी पहले तो इंदर को अपना भाई बता रही थी। लेकिन जब दबाव बढ़ा तो उसने बताया कि इंदर उसका पति है। दरअसल, अनिता उर्फ नीता असल में फरीदा है। उसका असली नाम फरीदा पति सलीम निवासी सतवास है। फरीदा का मायका खलघाट के पास धरमपुरी गांव में है। उसके दो बच्चे एक बेटा सोहेल (10) व दूसरी बेटी मुस्कान (5) है। उसका पति ड्राइवर था। 4 साल पहले सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई। फरीदा उसके बाद मायके में आकर भाई-भाभी के साथ रहने लगी। वह परिचित के माध्यम से इंदर के संपर्क में आई।
उन्होंने शादी कर ली। महिला का कहना है कि इंदर मेरी पहचान छुपाकर कभी मुस्लिम तो कभी हिंदू बनाकर लोगों से मिलवाता था। उसने अनैतिक कार्य करवाए और रुपये कमाए। उन्हांेने मेरा अनिता के नाम से परिचय पत्र भी बनवाया। उसके बाद मुझे आष्टा में रहने वाले उसके परिचित दंपती अजय व अर्चना के पास भेज दिया। उन्हांेने भी मुझे शहर और शहर के बाहर गलत काम के लिए भेजा। मेरा शारीरिक शोषण किया।
चार लोगों से की शादी कर वसूले ढाई लाख स्र्पए
फरीदा ने कबूल किया कि गैंग में इंदर, अर्चना व अजय के अलावा सीमा निवासी अलवासा, बलराम पटेल निवासी शाजापुर, राजा ठाकुर निवासी जलगांव (महाराष्ट्र), अजय पटेल, देवीलाल और दीपक भी है। इन्होंने मुझे पहले गोविंदनगर खारचा के मोनू जाट को बेचा। मोनू से इन्होंने 25 हजार स्र्पए लिए। एक महीने उसके साथ रही उसके बाद गैंग ने मुझे बुला लिया। दूसरा विवाह नीमच के निम्बाड़ा गांव में अशोक जैन से किया। जैन किसान है। गिरोह ने उनसे 80 हजार रुपये लिए।
15 दिन उनके साथ रहने के बाद तीसरा विवाह जलगांव के ज्वेलर्स दीपक पंडित से करवाया। दीपक से भी 80 हजार में सौदा किया। 1 महीने बाद इंदर ने कोर्ट में पैशी होने का बहाना बनाकर मुझे पंडित के घर से लेकर आ गया। उसके बाद उन्होंने रज्जन से विवाह कराया। गैंग ने सभी विवाह का वकील से अनुबंध करवाया। इस तरह उन्होंने चार लोगों से शादी कर ढाई लाख स्र्पयों से ज्यादा रुपये वसूले।
मामा-जीजा बन दूसरे प्रदेशों की लड़कियों को दुल्हन बनाकर बेचा
जांच में पता चला कि गिरोह प्रदेश ही नहीं अन्य प्रदेशों से भी इसके तार जुड़े है। फरीदा ने खुलासा किया है कि गिरोह के सदस्य उन परिवार को टारगेट करते जिन्हें लड़की नहीं मिलती। उसके बाद वह उनसे कभी भाई या फिर मामा-मामी या जीजा-बहन बनकर मिलते। स्र्पया लेकर वह रिश्ता तय करते और फिर लड़के के परिवार के समाज के लिहाज से लड़की को उनके धर्म की ट्रेनिंग देते है। उसमें वह यह भी बताते थे कि घर में रखा स्र्पया व गहने किस तरह चोरी कर वहां से गायब होना है। महाराष्ट्र की चार लड़कियों को मेरी आखों के सामने शादी करवाकर ससुराल वालों से लाखों स्र्पए लिए।
इज्जत और बच्चों के लिए दिया गिरोह का साथ
फरीदा ने कहा कि मैं गिरोह की सदस्य नहीं हूं। मैंने कभी किसी घर से चोरी नहीं की। मुझ से इंदर ने जबर्दस्ती की। मेरे बच्चों को अर्चना और अजय के पास रखा है। वह धमकाते है कि हमारा कहना नहीं माना तो हम बच्चों को मार देंगे। उन्होंने मेरा अश्लील वीडियो बनाया है। जिसे समाज के लोगों को दिखाने की धमकियां देते है। इन्हीं बातों से डरकर मैंने इनका साथ दिया।