नौसेना के गोताखोरों ने ढूंढ निकाला बसों का मलबा
अब तक 26 शव बरामद किए गए
महाराष्ट्र\महाड़ 11 अगस्त (इ खबरटुडे)। महाराष्ट्र के महाड़ में मुंबई-गोवा हाइवे पर अंग्रेजों के जमाने के एक पुल के ढहने के कारण लापता दो बसों के मलबे को ढूंढ लिया गया है। नौसेना के गोताखोरों ने गुरुवार को महाड़ के पास सावित्री नदी में बसों के मलबे को ढूंढ निकाला।
एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि पिछले आठ दिनों से रोज 12 से 14 घंटों तक काम करने के बाद नौसेना की टीम ने बसों के मलबे को ढूंढ निकाला है।उन्होंने बताया कि मलबे बसों के लगते हैं, वे गिरे हुए पुल से 170 और 200 मीटर दूर मिले हैं। बेहद जटिल परिस्थितियों, तेज बहाव और मगरमच्छों की मौजूदगी के बावजूद तलाशी अभियान चलाया गया।प्रवक्ता ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम को सूचना दी गई है। मलबे को निकालने के लिए क्रेन लाने के लिए कहा गया है।
नौसेना की टीम चार अगस्त की सुबह से लापता लोगों और वाहनों के मलबे की तलाश में लगी थी।गौरतलब है कि दो अगस्त को हुए इस हादसे में दो सरकारी बसें और कुछ अन्य वाहन नदी में बह गए थे। अब तक 26 शव बरामद किए गए हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने कल कहा कि मुंबई-गोवा राजमार्ग विस्तार परियोजना के तहत अंग्रेजों के जमाने के इस सेतु को दिसंबर 2016 से यातायात के लिए बंद कर दिया गया था।राज्य के लोकनिर्माण मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बताया कि राज्य में लगभग 2,300 सेतु हैं। इनमें से 100 अंग्रेजों के जमाने के और कुछ तो 17वीं शताब्दी के छत्रपति शिवाजी महाराज के जमाने के हैं।
उन्होंने कल कहा, इन पुलों का हर साल दो बार निरीक्षण किया जाएगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान :आईआईटी: के विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय समिति ने ढह चुके पुल को लेकर अपना शोध शुरू कर दिया है। इसकी रिपोर्ट 23 अगस्त को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक तक आने की उम्मीद है।पाटिल ने बताया कि मामले की न्यायिक जांच शुरू करने की प्रक्रिया भी जारी है।