November 18, 2024

नित्यानन्द आश्रम के नर्मदानन्द बाप जी की राष्ट्रधर्म विजय यात्रा द्वारा द्वारिका में धर्मध्वजा का आरोहण

द्वारिका,21 नवंबर (इ खबरटुडे)। नित्यानन्द आश्रम के संत नर्मदानन्द बाप जी द्वारा निकाली जा रही द्वादश ज्योतिर्लिंग की राष्ट्र धर्म विजय यात्रा दस ज्योतिर्लिंगों का गंगौत्री के जल से अभिषेक करते हुए देवभूमि द्वारका पंहुचे तो बापजी द्वारा द्वारकाधीश मन्दिर में धर्मध्वजा का समारोह पूर्वक आरोहण किया गया। धर्मध्वजा आरोहण कार्यक्रम में बडी संख्या में स्थानीय संत महात्मा और गणमान्यजन उपस्थित थे।

धर्मध्वजा आरोहण समारोह में प्रमुख वक्ता पूज्य बापजी श्री नर्मदानंद जी ने उपस्थित भक्तगणों को आशीर्वचन प्रदान करते हुऐ कहा कि जो कृष्ण त्रिभुवन के स्वामी है वह भी गुरु की महिमा  बढ़ाने हेतु शिक्षा ग्रहण करने गुरु के पास आते है । भगवान श्री कृष्ण से लगाकर आदि गुरु शंकरचार्य तथा बाद के काल खंड में भी अनेक ऋषी, मनीषियों ने ज्ञानार्जन के लिये भारत के मध्य क्षेत्र की धरती को चुना । जैसे हम आज का मध्यप्रदेश कहते है,मध्यप्रदेश भारत का ह्रदय स्थान है जो ज्ञान ह्रदय से प्रकट हो उसकी महिमा बहुत बड़ी है । वैसे हमारे यंहा कहा गया किसी भी ज्योतिर्लिंग में जाकर भगवान  आशुतोष सदाशिव को जल चढ़ाने से शिव संकल्प पैदा होता है । यदि संकल्प पवित्र है तो संकल्प से सिद्धि मिलती ही है अतः संकल्प सही होना चाहिये । जिस वृक्ष पर फल लगते है वह वृक्ष फल स्वयं नही खाता । संतो की सम्पूर्ण तपस्या अपने लिये नही,राष्ट्र कल्याण के लिये है । 

नर्मदानंद बापजी ने कहा कि यह राष्ट्रधर्म विजय पद यात्रा 3 उद्देश्यों के लिए निकाली जा रही है । जिसमे जल, जंगल एवं जीव का संरक्षण व संवर्धन निहित है । देश की सभी नदियों, तालाबों एवं पोखरों के संरक्षण हेतु यात्रा मार्ग में जन जागरण करते हुऐ स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं सरकार का ध्यान पुनः इनको सहेजने की ओर आकर्षित किया है । प्रत्येक दिन पदयात्रा की शुरुआत पौधा रोपण से कर यात्रा में पर्यावरण बचाने हेतु एक प्रतीकात्मक संदेश रास्ट्र धर्म विजय यात्रा ने दिया है ।

नर्मदानंद बापजी ने कहा कि वैसे तो जैव विविधता की दृस्टि से सभी जीवों का संरक्षण आवश्यक है, किंतु देश में खेती संस्कृति के संरक्षण हेतु गों माता का संरक्षण व उनकी पुनः घर वापसी ओर उनके संवर्द्धन का मुद्दा इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य था । देश मे यदि 25 प्रतिशत लोग गो माता को अपने घर पुनः ले आते है तो 33 करोड़ गौमाता का संरक्षण  संवर्धन स्वतः होने लगेगा । राष्ट्रधर्म विजय यात्रा के विषयों को मध्य प्रदेश सरकार ने प्रमुखता से लिया है । पूण्य बापजी ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने गो-सरंक्षण और संवर्धन के लिए गो कैबिनेट गठित करने का निर्णय लिया गया है.गो संरक्षण की दिशा में  मध्यप्रदेश सरकार की यह अभिनव पहल देश के कई राज्यों के लिये रोल मॉडल का काम करेगी ।

नित्यानंद आश्रम, रतलाम मध्यप्रदेश के पूज्य श्री नर्मदानंद बापजी अपनी इस पदयात्रा मे गंगौत्री का पवित्र जल लेकर अब तक केदारनाथ,बाबा विश्वनाथ और झारखण्ड स्थित बैजनाथ महादेव ,आंध्रप्रदेश स्थित श्री शेलम ज्योतिर्लिंग व तमिलनाडु राज्य में स्थित  रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र राज्य में स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग,  घृष्णेश्वर  ज्योतिर्लिंग,सोमनाथ ज्योतिर्लिंग,नागेश्वर ज्योतिर्लिंग सहित अब तक दस ज्योतिर्लिंग का अभिषेक कर चुके है । अगले पडाव में नर्मदानन्द बाप जी मध्यप्रदेश में प्रवेश करते हुए ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग उज्जैन स्थित महाकालेश्वर का अभिषेक करेंगे और राष्ट्र धर्म विजय यात्रा का समापन बारहवें ज्योतिर्लिंग औंकारेश्वर के अभिषेक के साथ करेंगे।

इस अवसर पर स्वामी नारायण मंदिर के केपी स्वामीजी, गोवर्धन भारती जी महाराज, श्यामानन्द  भारत सेवा संघ द्वारिका,दिव्यानंद गिरी जी गोपेश्वर महादेव द्वारिका,स्वर्ण मंदिर के स्वामी जी ,स्थानीय विधायक श्री पमुबा माणेक,एडिश्नल एसपी समीर साइडा,हरिभाई पटेल घोलरिया एडमिन हेड मंदिर समिति, द्वारका, दिलीप भाई शाह चेयरमैन नेशनल एनिमल वेलफेयर बोर्ड मंचासीन रहे । इस अवसर पर 

फ़िल्म सिटी अहमदाबाद के विजयसिंह झाला, मानवसेवा समिति रतलाम के अध्यक्ष मोहनलाल मुरलीवाले, रतलाम ग्राण के पूर्व विधायक मथुरालाल डामोर, भारत सरकार कृषि मंत्रालय एमआईडीच के जनरल सदस्य अशोक पाटीदार, सामाजिक कार्यकर्ता राजेश सक्सेना ,युवा व्यवसायी संजय चोधरी विशेष रूप से उपस्थित रहे ।

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