जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान लागू करना गलती थी, देश की संप्रभुता से समझौता नहीं हो सकता: डोभाल
नई दिल्ली,05 सितम्बर(इ खबरटुडे)। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के लिए एक अलग संविधान होना बड़ी गलती थी। किसी देश की संप्रभुता से कभी समझौता नहीं किया जा सकता। इसे न तो कमजोर किया जा सकता है और न ही गलत तरीके से परिभाषित किया जा सकता है। डोभाल ने यह बात सरदार पटेल पर लिखी गई किताब के विमोचन कार्यक्रम में कही।एनएसए की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आए हैं जब सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 35-ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। 35-ए के तहत ही जम्मू-कश्मीर के स्थाई निवासियों को भारतीयों से अलग कुछ विशेषाधिकार दिए गए हैं।
पटेल ने की थी देश को संप्रभु बनाने की कोशिश
सरदार पटेल को श्रद्धांजली देने के साथ ही डोभाल ने कहा कि भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री ने देश की मजबूत आधारशिला रखने में अहम योगदान दिया। अंग्रेज भारत को एक संप्रभु देश की तरह नहीं छोड़ना चाहते थे और पटेल ने उनकी योजना को पहले ही भांप लिया था।
पटेल का योगदान सिर्फ राज्यों के विलय तक नहीं, बल्कि इससे कहीं ज्यादा है। उन्होंने ऐसा संप्रभु देश बनाने की कोशिश की, जहां लोगों की संप्रभुता संविधान में स्थापित हो। लेकिन जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान देश के संविधान के साथ ही लागू कर दिया गया।