November 15, 2024

चिंतामणी रत्न से भी अधिक मूल्यवान व दुर्लभ है धर्म रत्न – लोकसन्तश्री

रतलाम 09 नवम्बर(इ खबरटुडे)।धर्म की प्राप्ति पुण्योदय से होती है। यह चिंतामणी रत्न से भी अधिक मूल्यवान और दुर्लभ होता है, जो सहजता से प्राप्त नहीं होता। मूल्यवान धर्म को पाकर हमें हमारे जीवन को भी अनमोल बना देना चाहिए। मानव जीवन का बहुमूल्य ये समय भी चला जाएगा। इस वचन को हमेशा दृष्टिपथ पर रखें, जिससे सुख में लीनता एवं दुख में दीनता नहीं आएगी।

यह बात लोकसन्त, आचार्य, गच्छाधिपति श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. ने जयन्तसेन धाम में आए गुरुभक्तों को आशीर्वचन में कही। उन्होंने कहा कि रतलाम में अच्छा धार्मिक वातावरण देखने को मिला है। धर्म के प्रति श्रद्धा और भक्ति का यह भाव शहरवासी सदैव बनाए रखें। धर्म में लीन रहने वाला कभी दुखी नहीं होता। निष्काम भाव से किया गया धर्म सदैव लाभकारी रहता है ।

मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी ने उत्तराध्ययन सूत्र का वांचन करते हुए कहा कि धरती, आसमान और मार्ग का छोर मिल सकता है, लेकिन लोभ का अंत मिलना असंभव है। अपने हाथों से जो भी शुभ कार्य होता है, वही उसकी जीवन की सार्थकता है। भारत के पैसे को अमरिका में डॉलर, जापान में येन में परिवर्तन करवाने पड़ते हैं, वैसे ही परलोक में दान देकर पुण्य में परिवर्तित करना पड़ता है। असंतोष के कारण व्यक्ति लक्ष्मी को आवश्यकता से अधिक एकत्रित करता है। वह जितनी होती है, उतनी हमेशा कम ही लगती है और जो पास में है उसे सुरक्षित रखने की चिन्ता करनी पड़ती है। ऐसी सम्पत्ति का सदुपयोग भी नहीं होता, वह नष्ट होती है। इसलिए संजोग एवं समय का संयोग मिलने पर सम्पत्ति का सदुपयोग शुभ कार्यों में कर लेना चाहिए। काश्यप परिवार ने चातुर्मास आयोजन करके अपनी सम्पत्ति को पुण्य में परिवर्तित कर दिया है, साथ ही एक अनुपम सौभाग्य को भी पाया है । प्रवचन के अन्त में दादा गुरुदेव की आरती का लाभ मंजूला विजय बोराणा ने लिया।
रविवारीय प्रवचन के वचन हुए सार्थक –
लोकसन्तश्री की निश्रा में जयन्तसेन धाम में 6 नवम्बर को ‘पुण्य हो तो ऐसा’ विषय पर आयोजित प्रवचन में मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने सीख दी थी कि 500 का नोट अचानक बंद होने पर तुम चिंतित हो जाओगे, परन्तु जीवन के 50 वर्ष निष्फल जाने का तुम्हें कोई दुख नहीं है। उनकी यह सीख मंगलवार रात उस समय सार्थक हो गई जब सरकार ने 500 व 1000 रुपए के नोट बंद करने की घोषणा कर दी।

पुरस्कार वितरण आज –
लोकसन्तश्री की निश्रा में 10 नवम्बर को जयन्तसेन धाम में पुरस्कार वितरण कार्यक्रम होगा। इसमें मुनि सुव्रतस्वामी जिनालय एवं दादा गुरुदेव श्री राजेन्द्र सूरिजी मंदिर के प्राण प्रतिष्ठांजनशलाका महोत्सव कार्यक्रम के पुरस्कारों के साथ लोकसन्तश्री के मंगल प्रवेश के अवसर पर कलश धारण करने वाली एवं गहूली बनाने वाली महिलाओं को पुरस्कृत किया जाएगा ।
जावरा श्रीसंघ ने आमंत्रण दिया –
जयन्तसेन धाम में बुधवार को जावरा श्रीसंघ का प्रतिनिधिमण्डल गाजे-बाजे के साथ लोकसन्तश्री के दर्शनार्थ पहुंचा। श्रीसंघ ने लोकसन्तश्री को जावरा में 23 नवम्बर को आयोजित दीक्षा महोत्सव, 25 नवम्बर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव एवं 27 नवम्बर के जन्मोत्सव कार्यक्रम का आमंत्रण दिया । इस दौरान महिला मण्डल की सदस्याएं भी उपस्थित रही।

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