May 10, 2024

क्या बन्द होगा एक और उद्योग?

खेतान सोया ने दिया ले आफ का नोटिस,श्रमिक कर्मचारियों में भारी आक्रोश

रतलाम,23 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। उद्योगों का कब्रस्तान कहलाने वाले रतलाम में फिर एक उद्योग पर बन्द होने का खतरा मण्डराने लगा है। उद्योग के बंद होने में प्रबन्धन का षडयंत्र नजर आता है। औद्योगिक क्षेत्र में स्थित खेतान समूह के सोयाबीन प्लान्ट में प्रबन्धन ने ले आफ का नोटिस लगा दिया है। प्रबन्धन के इस कदम से श्रमिक व कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। इस मुद्दे को लेकर उद्योग के श्रमिक कर्मचारियों ने एसडीएम को एक ज्ञापन भी दिया।
उल्लेखनीय है कि सोयाबीन तेल का उत्पादन करने वाली इकाइ खेतान केमिकल एण्ड फर्टिलाइजर्स लिमि. द्वारा उद्योग के नोटिस बोर्ड पर अचानक श्रमिको को ले आफ देने का नोटिस चस्पा कर दिया गया। इस नोटिस में कहा गया है कि कच्चे माल की आपूर्ति नहीं होने से उद्योग चलाना संभव नहीं हो पा रहा है। अत: श्रमिको को ले आफ दिया जा रहा है।
नोटिस लगाने की जानकारी मिलते ही श्रमिक कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया और वे इस अवैधानिक ले आफ के विरोध में ज्ञापन देने एसडीएम के पास जा पंहुचे।
ज्ञापन में कहा गया है कि ले आफ के नोटिस में कच्चे माल की आपूर्ति नहीं होने का कारण बताया गया है,जो कि गलत है। वास्तव में प्लान्ट चलाने के  लिए बाजार में कच्चे माल की कतई कोई कमी नहीं थी। प्रबन्धन ने जानबूझकर कच्चा माल क्रय नहीं किया। जबकि रिफायनरी पूरे समय चलती रही है। इसका उदाहरण यह है कि खेतान एग्रो मार्क का सोयाबीन तेल बाजार में उपलब्ध है। प्लान्ट में  करीब दो हजार टन सोयाबीन का उपयोग किया गया है। प्रबन्धन द्वारा ले आफ लगाया जाना श्रम विरोधी कार्यवाही है।
ज्ञापन में कहा गया है कि श्रमिक यूनियनों ने विगत कुछ महीनो में दैनिक वेतन भोगियों को
महंगाई भत्ता दिलाने का दबाव बनाया था। इसी तरह श्रमिक संगठनों से नया समझौता करने का भी दबाव बनाया जा रहा था। इसी कारण से श्रमिकों को डराने व आर्थिक रुप से नुकसान पंहुचाकर दबाव बनाने के लिए प्रबन्धन ने उक्त अवैधानिक ले आफ लगाया है। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि खेतान एग्रो के निकट ही पूजा साल्वेक्स नामक प्लान्ट है,जिसका कारखाना लगातार चल रहा है।

प्रबन्धन व श्रमिको की चर्चा

श्रमिक संगठनों के कडे रवैये को देखते हुए दोपहर को खेतान एग्रो के प्रबन्धन ने श्रमिक संगठनों से चर्चा की। चर्चा में खेतान प्रबन्धन की ओर से इन्दौर के असि.पर्सनल मैनेजर नवाब खान व रतलाम के एसएस राजावत मौजूद थे। जबकि श्रमिक संगठनों की ओर से भारतीय मजदूर संघ के दिलीप मेहता,राजेश पाण्डेय,राजेन्द्र वर्मा,ब्रजेन्द्र चतुर्वेदी,इन्टक की ओर से जेम्स चाको,अनिल रुनवाल आदि मौजूद थे। हांलाकि इस चर्चा का कोई नतीजा नहीं निकला। यह चर्चा अब मंगलवार को खेतान के वरिष्ठ पदाधिकारियों की मौजूदगी में होगी।
खेतान के कर्मचारी नेता राजेश पाण्डेय ने बताया कि उद्योग में कुल ५४ लोग कार्यरत है। कंपनी ने इनमें से उच्च पदों पर भारी वेतन लेने वाले दस लोगों को छोडकर अन्य ४४ लोगों को ले आफ देने का निर्णय लिया है। श्री पाण्डेय ने बताया कि जिन दस व्यक्तियों को नियमित रखा जाना है,उनके वेतन पर प्रतिमाह पौने दो लाख रु.व्यय होते है,जबकि जिन्हे निकाला जा रहा है,वे सभी कम वेतन वाले है। उन सब का वेतन मिलाकर भी इस राशि से कम है। ऐसे में कंपनी को इन दस बडे अधिकारियों को ले आफ देना चाहिए और छोटे कर्मचारियों को निरन्तर रखा जाना चाहिए।

khaitan2

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds