अव्यवस्थाओ की बारिश,लापरवाही का कीचड,कैसे चलेगा मेला ?
चार दिन गुजरने के बाद भी नहीं लग पाई दुकाने व झूले,निगम के नेता नदारद
रतलाम,4 अक्टूबर(इ खबरटुडे)। नवरात्रि में कालिका माता मंदिर परिसर व आंबेडकर भवन के पास मैदान में लगने वाले मेले पर गत कुछ वर्षों से लगातार बाधाएं आ रही हैं। कर्फ्यू से मेला पिछले कुछ वर्ष प्रभावित रहा तो अब बारिश और नगर निगम की बदइंतजामी के चलते दुकानदारों के साथ ही नागरिक भी परेशान हैं। मेला शुरू हुए चार दिन गुजर चुके है लेकिन अब तक दुकाने व झूले नहीं लग पाए है। पुरे मेला परिसर में कीचड का कब्ज़ा है लेकिन नगर निगम के पास इसका हल निकालने की न तो कोई व्यवस्था है और न ही इच्छा।
एक अक्टूबर से नवरात्रि प्रारंभ होने के साथ ही मेला प्रारंभ हो गया। निगम ने बंद लिफाफों में प्रस्ताव मंगवाकर दुकानें नीलाम कर दी लेकिन सुविधाओं से मुंह मोड़ लिया। रही सही कसर बारिश ने पूरी कर दी। हालात यह है कि झूला ग्राउंड पर जाने के लिए कोर्ट के पास बन चुकी सीमेंटेड फोरलेन को भी बेरीकेड्स लगाकर बंद कर दिया गया है। वजह बताई जा रही है कि सड़क खराब होगी। सीमेंट की सड़क एक बार बनने के बाद फिक्स हो जाती है ऐसे में ठेकेदार की सड़क की चिंता में नवरात्रि का मेला खराब हो रहा है। मैदान में ठेकेदार ने मना करने के बाद भी मिट्टी फैला दी जो बारिश के बाद कीचड़ में बदल गई है। निगम ने मुरम, चूरी डालने के दावे किए पर ये नाकाफी साबित हुए।
हटा लेते हैं झूले
परेशान झूला संचालक और दुकानदार नवरात्रि मेले के पहले तीन दिन में ग्राहकी प्रारंभ होने की बजाए सामान बचाने में ही लगे रहे। अब वे झूला और दुकानें हटाने पर विचार कर रहे हैं। नगर निगम प्रशासन को मनमानी करने के बजाए मेले के सांस्कृतिक स्वरूप की चिंता करनी चाहिए जबकि मेले से होने वाली आय पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इधर कलेक्टोरेट में ललगने वाली दुकानों को भी सोमवार दोपहर हटवा दिया।
सिकुड़ रहा मेला
प्रशासन, नगर निगम के सामंजस्य न होने व मेले को लेकर ठोस योजना के अभाव में रतलाम की पहचान बना
कालिकामाता मेला स्वरूप और क्षेत्र दोनों में सिकुड़ता जा रहा है। शहर के प्रबुद्ध वर्ग से भी इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है। यही हाल रहा तो मेले की रौनक आगे भी फीकी होती जाएगी।
दूरदर्शिता का अभाव
नगर निगम नेतृत्व में दूरदर्शिता के अभाव के कारण भी समस्या बढ़ी है। आंबेडकर भवन के सामने वाली सड़क का काम लम्बे समय से चल रहा था। यदि नेतृत्व में दूरदर्शिता होती तो इसका निर्माण नवरात्रि पूर्व करवा लिया जाता। यह सड़क बन जाती तो मेले की रौनक बढ़ जाती ,लेकिन हुआ इसका ठीक उल्टा। सड़क का काम अधूरा रह गया और दिक्कते बढ़ गई।
रावण दहन में भी परेशानी
नेहरू स्टेडियम में होने वाले रावण दहन कार्यक्रम में भी काफी परेशानी आना तय है। मेले में आये लोगो को बहुत लंबा चक्कर लगा कर नेहरू स्टेडियम जाना पड़ेगा। इससे शहर की अन्य सड़को पर भी ट्रैफिक की समस्या उत्पन्न होगी। रावण दहन में उमड़ने वाली भारी भीड़ और निकासी के मार्ग छोटे होने के कारण किसी दुर्घटना की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
निगम के नेता नदारद
रतलाम के पहचान रहे नवरात्री मेले की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है,लेकिन लगता है की नगर निगम के कर्णधारो को इसकी कोई चिंता नहीं है। उन्हें तो सिर्फ मेले के कार्यक्रमो और अन्य स्त्रोतो से होने वाली कमाई की चिंता है। मंचीय कार्यक्रमो में हार फूल पहनने के अलावा किसी समस्या के सामने आने पर वे नदारद हो जाते है। दूर दराज से आये व्यवसायी अपनी समस्याओ के निराकरण के लिए दर दर भटकते रहते है। पूरा मेला परिसर कीचड़ के दलदल में डूबा हुआ है लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है।