अभिलेखों में हेरफेर और राशि के दुरुपयोग का आरोप
नीमच 21 अक्टूबर(इ खबरटुडे) । ग्राम पंचायत बोरदिया में शासकीय राशि का दुरुपयोग हो रहा है। इतना ही नहीं, जनप्रतिनिधि व उप यंत्री ने शासकीय अभिलेखों में हेरफेर भी किए हैं। इन आरोपों के साथ जावद जनपद पंचायत अध्यक्ष सुगना अहीर मंगलवार को दोबारा जनसुनवाई में पहुंची। उन्होंने पति पूरण अहीर के साथ कलेक्टर नंद कुमारम् से मुलाकात कर मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने व दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
उनका आरोप है कि ग्राम पंचायत में एक के बाद एक कई गड़बड़ियां हैं। चुनाव के पूर्व ग्राम पंचायत बोरदिया को राशि जारी हुई थी, लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण राशि का उपयोग नहीं किया जा सकता था। बावजूद ग्राम पंचायत ने राशि आहरित कर ली। इसके अलावा उप यंत्री ओपी कछावा की मदद से शासकीय दस्तावेजों में हेरफेर किए जा रहे हैं। जनपद अध्यक्ष ने मामले में जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गुजारिश की है।
पूर्व में भी शिकायत
जनपद अध्यक्ष सुगना अहीर पूर्व में जनसुनवाई में कलेक्टर को ग्राम पंचायत बोरदिया के ग्राम भगवानपुरा में सामुदायिक भवन निर्माण में गड़बड़ी के संबंध में शिकायत की थी। उन्होंने निर्माण कार्य शुरू हुए बिना राशि निकालने का आरोप लगाया था। शिकायत सही पाए जाने पर कलेक्टर ने सचिव को निलंबित कर दिया था। साथ ही सरपंच ज्योति पाटीदार के खिलाफ पंचायतराज अधिनियम की धारा 40 के तहत कार्रवाई के लिए एसडीएम जावद जेसी मेहरा को निर्देशित किया था। -निप्र
कुछ नहीं कहना
मेरे खिलाफ शिकायत हुई तो उच्च अधिकारी शिकायत में सामने आए आरोपों की जांच करा लें। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई कर दें। इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं कहना।
ओपी कछावा, उप यंत्री, जनपद पंचायत, जावद आधारहीन आरोप
ग्राम पंचायत बोरदिया में निरंतर विकास कार्य किए जा रहे हैं। जिला और जनपद पंचायत से प्राप्त राशि का विकास कार्यों में नियमानुसार उपयोग किया गया। रात में सड़क निर्माण कार्य नहीं होता। यदि कोई इसके सहित अन्य आरोप लगा रहा है तो पूरी तरह गलत और तथ्य व आधारहीन आरोप हैं।
– ज्योति पाटीदार, सरपंच, ग्राम पंचायत बोरदिया सामने आ रही हैं गड़बड़ियां
ग्राम पंचायत बोरदिया में एक के बाद एक गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। चुनाव के पूर्व ग्राम पंचायत को 30 लाख रुपए जारी हुए थे, लेकिन आचार संहिता लगने से अन्य किसी पंचायत में राशि का उपयोग नहीं किया गया। सिर्फ बोरदिया में धीरे-धीरे कर राशि निकाली गई। भगवानपुरा में जनभागीदारी से 3 लाख रुपए इकट्ठा कर लिए गए, लेकिन इनका उपयोग अब तक नहीं हुआ। इसके अलावा नल-जल योजना में भी सरपंच व परिजनों को उपकृत किया जा रहा है। फर्जी मूल्यांकन की बात भी सामने आ रही है।