अधिकारों के लिए आक्रामक बने किसान
मिलन समारोह को संबोधित करते हुए किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री श्री केलकर ने कहा
मंदसौर 1अप्रैल(इ खबर टुडे )। देश में पूंजीपतियों व राजनीतिज्ञों का गठजोड़ काम करता है । यह गठजोड़ देश को बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ओर धकेल रहा है । पूंजीपति राजनीतिज्ञों का इस्तेमाल करते हैं । हर दल ने पूंजीपतियों को राज्यसभा में स्थान दिया है । यही कारण है कि हम अब आर्थिक दृष्टि से भी पाश्चात्य हो रहे हैं । सरकार की यह आर्थिक नीतियां देश के लिए घातक हैं । इन नीतियों के दूरगामी परिणाम घातक होंगे, इसलिए किसान व आमजन को अपने अधिकारों के लिए सजग होना होगा । यह बात भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री प्रभाकर केलकर ने कही । वे सोमवार को किसान संघ के मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे । इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघ चालक विष्णुसेन कछावा, महेश चौधरी, संघ के प्रांत कोषाध्यक्ष राजेन्द्र पालीवाल भी मंचासीन थे ।
श्री केलकर ने कहा कि आज भी देश में 55 प्रतिशत लोगों को कृषि क्षैत्र से रोजगार मिलता है । उद्योग जगत से आठ, सेवा क्षैत्र (सर्विस सेक्टर)से चार व व्यापारिक क्षैत्र से चार प्रतिशत लोगों को रोजगार मिलता है । किन्तु इसके उलट बजट में कृषि विकास के लिए मात्र 0.07 प्रतिशत ही आवंटन किया गया है । उद्योगों को 5 लाख 75 हजार करोड़ की छूट दी गई है । इस देश में एक ओर अंबानी के 27 मंजिला घर में पांच हजार यूनिट बिजली प्रतिदिन खर्च होती है, पांच किलोमीटर क्षैत्र का पानी खींच लिया जाता है, गंदगी समुद्र में बहा दी जाती है । वहीं देश में आज भी 40 करोड़ लोगों के पास एक ही कपड़ा है ।
श्री केलकर ने कहा कि देश में एफडीआई लाकर आम जनता को कुचलने का षड़यंत्र किया जा रहा है । अमेरिका के कई प्रांतों, सोमालिया, ब्राजील, मंगोलिया आदि देशों ने इसे ठुकराया है । एफडीआई घातक है और जो एफडीआई का समर्थन करे, वह हमारा विरोधी है । क्योंकि यह देश और देशवासी के रोजगार का प्रश्न है । हमारे नेता कहां जा रहे हैं और हमे कहां ले जा रहे हैं, यह हमे चिंता करनी चाहिए । यह अर्थतंत्र है, अर्थ सत्ता अनर्थ प्रदान करती है । राजशाही के जमाने में मानव जीवन में सत्ता का हस्तक्षेप कम था, अब सत्ता जीवन के हर क्षैत्र में हस्तक्षेप कर रही है । हमारे यहां भी मनुष्य को मशीन मानकर काम किया जा रहा है । ऐसे में किसान व आमजन को अपने अधिकारों के लिए आक्रामक बनना होगा ।
मजबूत बनें जनसंगठन
उन्होंने कहा कि श्रृध्देय श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी कहा करते थे कि जनसंगठन संविधान का पांचवा स्तंभ है । जनता का बल सत्ता पर अंकुश लगा सकता है । सत्ता किसी की भी हो, नीतियां देशहित में होना चाहिए । सत्ता यदि शीर्ष पर होगी तो स्वार्थ सिध्दि के सिवा कुछ ना होगा । युवा आगे आएं और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं । आरटीआई का उपयोग करे । सत्ता में कोई भी हो नीतियां देशहित में होना चाहिए ।
प्रत्येक जगह स्वयंसेवक की तरह व्यवहार करें
श्री केलकर ने कहा कि हमारा व्यवहार प्रत्येक स्थान पर एक स्वयंसेवक की तरह होना चाहिए । एक स्वयंसेवक को संघ कार्य के साथ ही अपने जीवन में भी स्वयंसेवक की भांति कर्म करना चाहिए । इससे हम अपने दैनिक जीवन में ईमानदार हो सकेंगे ।
कार्यक्रम में अध्यक्षीय उदबोधन विभाग संघचालक डॉ. विष्णुसेन कछावा ने दिया । कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बलराम व स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर की गई । कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा, दौलतराम पटेल, गोपालकृष्ण पाटिल, पूर्व विधायक नानालाल पाटीदार, प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर, विधायक यशपालसिंह सिसौदिया, भाजपा जिला प्रभारी चैतन्य काश्यप, जिला भाजपाध्यक्ष सुधीर गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष मानसिंह माच्छोपुरिया, मदनलाल राठौर, सहकारी बैंक अध्यक्ष राजेन्द्र सुराणा, जिपं रास सांसद प्रति निहालचंद मालवीय, भाजपा नेता मनोहरलाल जैन, शिवराजसिंह बापच्या,हीरालाल धाकड़, भोपालसिंह मंडलोई सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय किसान संघ, भाजपा व अन्य सामाजिक संगठनों के अनेक प्रतिनिधिगण, किसान व मातृशक्ति सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे ।