पठानकोट हमले पर पाक का यू टर्न, आतंकियों को अपना मानने से इनकार
नई दिल्ली,08मई(इ खबरटुडे)। आतंकी हमलों के सिलसिले में पाकिस्तान हमेशा सबूत मांगता है। उसे सबूत दिए भी जाते हैं। लेकिन उसका रवैया हमेशा एक जैसा ही रहता है। पाकिस्तान का एक ही राग जो सबूत मुहैया कराए जाते हैं। वो पर्याप्त नहीं होते हैं। पठानकोट हमले में भारत द्वारा पेश किए गए सबूतों पर पाकिस्तान ने पहले ये माना कि मारे गए आतंकी पाकिस्तानी नागरिक हैं। लेकिन अब वो एक बार फिर वो पुरानी राग अलाप रहा है।
जो सबूत मुहैया कराए वो नाकाफी-पाकिस्तान
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक भारत द्वारा आतंकियों के अंतिम संस्कार किए जाने के बाद पाकिस्तान ने कहा कि वो उनके नागरिक नहीं हैं। इसका मतलब ये है कि पठानकोट एयरबेस पर हमले में पाकिस्तान का हाथ नहीं है। भारत सरकार की तरफ से इलेक्ट्रानिक इंटरसेप्ट समेत कई सबूत पाकिस्तान को पेश किए गए। लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि जो सबूत मुहैया कराए गए थे। वो नाकाफी थे।
चारों आतंकियों के नाम और पता
1. नासिर वेहारी (पंजाब)
2. अबू बक्र गुजरांवाला( पंजाब)
3. फारुक संगधार(सिंध)
4. कयूम सुक्कुर (सिंध)
नासिर वो शख्स था जो जिसने भारत में दाखिल होने के बाद अपनी मां से बात की थी। हालांकि ये पहला मौका नहीं है कि जब पाकिस्तान ने अपना हाथ होने से इनकार किया हो। 2001 में संसद पर हमले के बाद भी पाकिस्तान ने अपना हाथ होने से इनकार कर दिया था। इससे पहले 1999 में कारगिल युद्ध के समय भी पाकिस्तान ने ये सफाई दी कि जो लोग भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे। वो पाकिस्तान से संबंधित नहीं थे।
26 /11 मुंबई हमलों के सिलसिले में भी पाकिस्तान अपनी संलिप्तता से इनकार करता रहा। लेकिन जब पाकिस्तानी मीडिया में भी इस तरह की खबरें आने लगी कि अजमल कसाब पाकिस्तानी ही था। तो पाकिस्तान मुंह की खानी पड़ी। और ये मानना पड़ा कि मुंबई हमलों में उसका नागरिक शामिल था।
पठानकोट हमले के सिलसिले में पाकिस्तान के इनकार के बाद जांच एजेंसिया भी पशोपेश में है कि आखिर अब ये जांच किस दिशा में जाएगी। जांच एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान के इस कदम के बाद वो जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के बारे में कोई जानकारी नहीं देगा।