खराब सड़क के चलते यात्री बस हुई दुर्घटना का शिकार
कालीदेवी, 20 अगस्त(इ खबरटुडे)। अहमदाबाद से इंदौर जा रही बाबा ट्रेवल्स की बस रविवार सुबह 5 बजे माछलिया घाट के पहले सुनार नदी के अधूरे पुल के डायवर्शन पर पलट गई। अत्यधिक खराब सड़क पर चालक संतुलन नहीं रख पाया। बस में 24 यात्री सवार थे। इनमें से 17 घायल हो गए। घायलों का उपचार कालीदेवी में किया गया। 3 गंभीर घायलों को उपचार के लिए झाबुआ जिला अस्पताल रैफर किया गया।
बस क्रमांक एमपी-13-पी-0607 तेज गति से जा रही थी। डायवर्शन पर गड्ढों के कारण अनियंत्रित होकर पलट गई। ड्राइवर सहित 17 यात्री घायल हुए। सूचना मिलने पर टीआई केएल डांगी व एएसआई महावीर वर्मा पहुंचे। डायल 100 और 108 एम्बुलेंस से घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां डॉ. संजय बामनिया और डॉ. डामोर ने घायलों का इलाज किया।
बस शनिवार रात 10 बजे अहमदाबाद से रवाना हुई थी। ड्राइवर राकेश पटेल निवासी देवास ने डायवर्शन पर बड़े गड्ढे को बचाने की कोशिश की, लेकिन बस सड़क से नीचे उतर गई। बारिश के कारण कीचड़ होने से संतुलन बिगड़ गया। बस की छत पर भारी मात्रा में सामान भी भरा हुआ था।
ये हुए घायल
रविंद्र पिता पंडरीनाथ कुम्हारे (29) निवासी गर्ग कालोनी बैतूल, अक्षय पिता कृष्णा ठाकरे (18) निवासी इंदौर, रविंद्र पिता राजकुमार (23) निवासी इंदौर, रोहित पिता जगदीश आरूल (18) निवासी इंदौर, मोहम्मद उस्मान पिता मोहम्मद हुसैन (60) निवासी इंदौर, उमेश पिता मुंदरिका सिंह (33) निवासी सागरकुटी, अस्र्णेश पिता ब्रजेश सिंह परिहार (31) निवासी नागौर, अनिल पिता जवाहरलाल शर्मा (25) निवासी कुशीनगर, अभिषेक सिंह पिता कन्हैया सिंह (18) निवासी डुमरी, अजीत पुरी पिता निरंजनदेव पुरी (27) निवासी शिवपुरी, विजय पिता रमेश पटेल (30) निवासी गोगाटी टिगरिया, सुरेंद्र पिता विजय मालवी (25) निवासी मालीखेड़ी आष्टा, फालिदा बानु पति मोहम्मद हुसैन (40) निवसी अहमदाबाद, पठान फेमिदा पति सरवर खान (50) निवासी अहमदाबाद, प्रकाश पिता चुन्नी लाल गुर्जर (25) निवासी कीकावास उदयपुर, विशाल पिता गोविंद प्रजापत (30) निवावी अहमदाबाद, राकेश पटेल निवासी देवास।
वाहन चालक हो रहे परेशान
ग्राम माछलिया के बड़े पुल के पास के डायवर्शन पर बड़े-बड़े गड्ढे हो रहे हैं। यहां सुधार कार्य नहीं किया जा रहा। नया बन रहा पुल अधूरा है और इसे बनने में अभी कम से कम एक महीना लगेगा। बारिश में स्थिति और विकट होती जा रही है। यहां उचित तौर पर साइन बोर्ड भी नहीं हैं। गड्ढे पुल के बीचोंबीच भी हो रहे हैं।