सेना का जवान बोला- जूते साफ करवाते हैं अफसर ,सामने आया एक और वीडियो
अफसरों पर मढ़ा शोषण का आरोप
नई दिल्ली\देहरादून,13 जनवरी(इ खबरटुडे)।बीएसएफ जवान तेज बहादुर के चौंका देने वाले खराब खाने की शिकायती वीडियो के बाद जैसे सुरक्षाबलों में जवानों से भेदभाव को लेकर शिकायती पिटारा खुल गया है. अब सेना के लांस नायक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा है कि अफसर उनसे जूते साफ करवाते हैं.देहरादून में तैनात सेना के जवान यज्ञ प्रताप सिंह के मुताबिक उसने पिछले साल 15 जून को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को अधिकारियों द्वारा जवानों के शोषण को लेकर एक चिट्ठी लिखी थी। बाद में जब यह बात सेना के अधिकारियों को पता चली तो उसको काफी डांटा-फटकारा गया। अब उसे लग रहा है कि इसी मामले पर उसका कोर्ट मार्शल भी हो सकता है।
42 इंफेंट्री बिग्रेड में पोस्टेड लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और गृह मंत्री को शिकायतों भरा खत लिखने के बाद जब पीएमओ ने ब्रिगेड से जांच करने को कहा तो उनकी शिकायत सुनने के बजाए उनके अफसरों ने उनसे जूते साफ करवाए. इतना ही नहीं उनकी ब्रिगेड के वरिष्ठ अफसरों ने उन्हें परेशान किया और उनके खिलाफ ही जांच शुरू कर दी. आपको बता दें कि कुछ ही दिनों पहले सोशल मीडिया पर बीएसएफ जवान तेज बहादुर का वो वीडियो वायरल हो गया था जिसमें उन्होंने जवानों को परोसे जाने वाले खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हुए अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए थे. इस वीडियो के बाद सब वजगह हड़कंप मच गया और गृह मंत्रालय ने इस पर रिपोर्ट तलब की
यज्ञ प्रताप के मुताबिक सेना में कई जगहों पर एक सैनिक से कपड़े धुलवाना, बूट पॉलिश करवाना, कुत्ते घुमवाना जैसे काम करवाना गलत है। सेना के इस जवान से सीधे प्रधानमंत्री से अपील की है कि वे इस मामले में दखल दें क्योंकि उसने चट्ठी लिखकर कोई गलत काम नहीं किया है। लांस नायक यज्ञ प्रताप ने कहा है कि मैं सेना में 15 साल से नौकरी कर रहा हूं। लेकिन अधिकारियों द्वारा जवानों का शोषण किस तरह किया जाता है, मैंने देखा है। लेकिन कभी हिम्मत नहीं जुटा पाया क्योंकि सारी शक्ति अधिकारियों के हाथ में होती है। अगर मैं कुछ करता हूं तो मुझपर अधिकारी कार्रवाई कर सकते हैं।
इसके बाद बुधवार को एक सीआरपीएफ जवान जीत सिंह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इस वीडियो में जीत सिंह ने सीआरपीएफ जवानों की पेंशन का मुद्दा उठाया है और कहा है कि सीआरपीएफ जवानों के साथ भेदभाव किया जाता है.तेज बहादुर के वीडियो पर विवाद के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीएसएफ से रिपोर्ट तलब की. बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक इस सिलिसिले में शुरुआती रिपोर्ट सौंप दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक तेज बहादुर के आरोपों के पक्ष में कोई सबूत नहीं मिला है. बीएसएफ के आईजी डीके उपाध्याय ने मंगलवार को बताया था कि एक डीआईजी रैंक के अधिकारी ने तेज बहादुर के कैंप का दौरा किया था. तेज बहादुर के सहकर्मियों ने इस अधिकारी के सामने वीडियो में लगाए गए आरोपों का समर्थन नहीं किया.