November 15, 2024

सिंहस्थ में वैचारिक महाकुम्भ के लिये 14 मार्च को भूमि-पूजन निनौरा में

उज्जैन,12 मार्च (इ खबरटुडे)।  उज्जैन में अप्रैल-मई में होने वाले सिंहस्थ के दौरान मध्यावधि में वैचारिक महाकुम्भ होगा। इसके लिये 14 मार्च को प्रात: 9.30 बजे उज्जैन के पास ग्राम निनौरा में भूमि-पूजन होगा। आज इस संबंध में संस्कृति राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा की उपस्थिति में बैठक हुई।

महाकुम्भ की ब्राण्डिंग के लिये वेबसाइट द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार
बैठक में तय हुआ कि वैचारिक महाकुम्भ की सभी आवश्यक व्यवस्था इंदौर प्रशासन करेगा। आयोजन-स्थल के आसपास 2 किलोमीटर दूरी तक वाई-फाई-स्थल बनाया जायेगा। बैठक में यह भी तय हुआ कि वैचारिक महाकुम्भ की ब्राण्डिंग के लिये वेबसाइट द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इसके लिये अलग वेबसाइट तैयार की जायेगी। वैचारिक महाकुम्भ में पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय और विक्रम विश्वविद्यालय के छात्रों को वैचारिक महाकुम्भ के मंथन में शोध-पत्र प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया जायेगा। वैचारिक महाकुम्भ में हावर्ड और मिशिगन विश्वविद्यालयों के विषय-विशेषज्ञ शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगे।
 आयोजन-स्थल पर 5 हेलिपेड
वैचारिक महाकुम्भ-स्थल का आज आयोजन समिति ने दौरा किया। दौरे के समय पार्किंग, मंच, हेलिपेड आदि भूमि को चिन्हित किया गया। यह तय हुआ कि आयोजन-स्थल पर 5 हेलिपेड बनेंगे। बैठक मे सुरक्षा, बिजली, सड़क, पेयजल आदि व्यवस्थाओं के संबंध में भी प्रमुख रूप से चर्चा की गयी। बैठक में केन्द्रीय सिंहस्थ समिति के अध्यक्ष माखन सिंह, संयोजक और सांसद अनिल माधव दवे, संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव, उज्जैन कमिश्नर डॉ. रवीन्द्र पस्तौर और इंदौर कमिश्नर संजय दुबे भी मौजूद थे।
महाकाल का संदेश नये रंग में विश्व के सामने होगा
कुम्भ महापर्व के प्रारंभिक काल में न केवल स्नान करना महत्वपूर्ण होता था, बल्कि प्राचीन समय में प्रचलित अध्यात्म और साधना का धर्म सम्मेलन आयोजित करना रहा होगा। आधुनिक काल में फिर वही समय आ गया है, जब सकारात्मक शक्तियाँ एकजुट होकर एक स्थान पर आज की मौलिक समस्याओं पर गहन चिंतन कर उसका मंथन विश्व के सामने प्रस्तुत करे। महाकाल का संदेश नये रंग में विश्व के सामने होगा। यह विचार आज वैचारिक महाकुम्भ समिति के संयोजक सांसद  अनिल माधव दवे ने व्यक्त किये।

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