सिंहस्थ आयोजन से पूर्व शौचालय ‘शाट’
जोर से एक दरवाजा लगाओ तो तीन का दरवाजा खुल रहा
उज्जैन,24 मार्च (इ खबरटुडे)। सिंहस्थ-2016 आयोजन के लिये करीब 40 हजार शौचालय सिंहस्थ मेला क्षेत्र में बनाये जा रहे हैं। तीन कंपनियों को इसका ठेका दिया गया है।
शौचालय निर्माण में गुणवत्ता का अभाव होने से बल्ब की तरह शौचालय शाट हो रहे हैं। स्थिति ऐसी बन पड़ी है कि भूले से अगर साधु-संत जोर से दरवाजा लगा देते हैं तो एक दरवाजा बंद होता नहीं और तीन खुल जाते हैं।
शौचालयों की गुणवत्ता पर शुरु से ही सवाल उठ रहा है
सिंहस्थ-2004 में गुणवत्ताहीन शौचालयों की वजह से कई क्षेत्रों में समस्या खड़ी हुई थी। सिंहस्थ-2016 का आयोजन भी इससे परे नहीं दिखाई नहीं दे रहा है। इस बार भी शौचालयों की गुणवत्ता पर शुरु से ही सवाल उठ रहा है। करीब 150 करोड़ इस पूरी व्यवस्था पर खर्च किये जा रहे हैं। इसके बावजूद गुणवत्ता पर सवालिया निशान बरकरार है।
आकार छोटा, संतों को परेशानी
सिंहस्थ-2016 के तहत बनाये गये शौचालय का आकार काफी छोटा है। ढाई बाय ढाई के आकार में शौचालय का निर्माण किया गया है। जूना अखाड़े के वरिष्ठ संत ने पत्रकार वार्ता के दौरान शौचालयों पर सवालिया निशान खड़ा किया था।
दर को लेकर भी उठ रहे सवाल
सिंहस्थ क्षेत्र में बन रहे शौचालयों की दर का अगर आंकलन किया जाये तो स्वच्छता मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जो शौचालय बन रहे हैं उनकी दर से इसकी दर भारी पड़ रही है। उस पर भी गुणवत्ता की स्थिति स्वच्छता मिशन के शौचालयों से कमजोर साबित हो रही है।