September 30, 2024

सबके सहयोग से जिले में शांति एवं व्यवस्था सुनिश्चित बरकरार रखी जाएगी

जिला प्रशासन के साथ किसान प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई

रतलाम,29 मई (इ खबरटुडे)। जिला प्रशासन द्वारा आज जिले के किसान प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाकर वर्तमान एवं आगामी दिनों में शांति एवं व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विचार-विमर्श किया जाकर बताया गया कि सभी के सहयोग से जिले में शांति एवं व्यवस्था बरकरार रखी जाएगी।

सोश्यल मीडिया पर आगामी दिनों में किसान आन्दोलन की चर्चा के मद्देनजर आयोजित बैठक में प्रशासन द्वारा किसान प्रतिनिधियों एवं मीडिया के सुझाव प्राप्त किये गए। व्यवस्था के सम्बन्ध में पुलिस तथा प्रशासन के अधिकारियों द्वारा अपनी बात रखी गई। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमेश मईड़ा, कान्हसिंह चौहान, कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, पुलिस अधीक्षक अमितसिंह, अपर कलेक्टर डा. कैलाश बुन्देला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकद्वय राजेश सहाय, प्रदीप शर्मा, जिले के एसडीएम, एसडीओपी, जिले भर से आए किसान प्रतिनिधि, राजस्व एवं पुलिस के अन्य अधिकारी तथा मीडियाजन उपस्थित थे।

बैठक में आए किसान प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव प्रस्तुत करते हुए शांति एवं व्यवस्था बहाल रखने के लिए पूर्ण सहयोग की बात कही। धर्मेन्द्र देवडा ने प्रशासन से गांवों में चौपाल आयोजित करने का सुझाव दिया। पुलिस अधीक्षक सिंह ने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा सुबह एवं शाम को नियमित गांवों में पहुंचकर चौपाल आयोजित करते हुए ग्रामीणों से संवाद किया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन किसानों की समस्याओं को तत्परता से हल करने के लिए कटिबद्ध है। गत दिनों नामली मण्डी में तौलकांटे में गडबडी पर संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर तथा अन्य कार्यवाही की गई है। ग्राम बडौदा के रणछ़ोड़ पटेल ने वाहनों के साथ सुरक्षा जवानों की उपलब्धता की बात कही। शांतिलाल पाटीदार ने मंडियों में उपज की अधिकाधिक आवक के मद्देनजर सुझाव दिया कि किसानों को अपनी उपज तुलाई के लिए कम से कम इंतजार करना पडे। कार्य की गति में तेजी लाना आवश्यक है।
जमनालाल पाटीदार ने जनसंवाद कार्यक्रम रखे जाने का सुझाव दिया। रतनलाल ने कहा कि वे सोश्यल मीडिया के माध्यम से व्यवस्था के सुचारू संचालन में योगदान हेतु कार्य करेंगे। राकेश पालीवाल कनेरी ने सुझाव दिया कि मंडियों में कम से कम अवकाश हों। विरेन्द्रसिंह सोलंकी, शक्तिसिंह चौधरी ने भी अपने सुझाव प्रस्तुत किये। मीडिया की ओर से नरेन्द्र जोशी एवं सुशील खरे ने अपने सुझाव प्रस्तुत किये। नरेन्द्र जोशी ने संवाद की सूचना मीडिया को देने एवं मीडिया को शामिल करने की बात कही। सुशील खरे ने सूचनाओं के प्रवाह पर जोर दिया।
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने बताया कि रतलाम में किसानों को किए जा रहे भुगतान की स्थिति म.प्र. में सबसे श्रेष्ठ है। उन्होंने कहा कि जिले से कोई भी सूचना या शिकायत प्राप्त करने के लिए जिला मुख्यालय पर किसान काल सेन्टर बनाया गया है जिसका दूरभाष नम्बर 07412-270406 है। यह 24 घंटे चालू रहेगा। कलेक्टर ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी स्थिति में कोई हिंसा अथवा अप्रिय घटना नहीं हो। पुलिस अधीक्षक अमितसिंह ने कहा कि संवैधानिक तरीके से अपनी बात रखने का अधिकार सभी को है परन्तु आमजन को उद्वेलित करने वाले तत्वों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एडीएम डा. बुन्देला ने कहा कि अफवाहों पर ध्यान नहीं दिया जाए। किसानों की समस्याओं के हल हेतु गत वर्ष से अभियान संचालित कर बडी संख्या में अधिकाधिक समस्याओं का निराकरण कर दिया गया है।
पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त बैठक भी आयोजित हुई
किसान प्रतिनिधियों से चर्चा के उपरांत जिले के पुलिस तथा शासकीय अधिकारियों की एक बैठक भी आयोजित की गई। इस बैठक में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि जिले में कोई छोटी से छोटी घटना नहीं हो। अधिकारियों का रिस्पांस टाईम फास्ट हो, रियल टाईम में एक्शन ली जाकर स्थिति सामान्य रखी जाए। प्रत्येक गांव में मौजूद ट्रेक्टर-ट्रालियों, जेसीबी मशीनों, वाटर टैंकर्स या क्रेन मशीन की उपलब्धता सुचीबद्ध की जाए। प्रशासन द्वारा सब्जियां, दूध तथा अन्य उपयोगी सामग्री उनके परिवहन एवं उपलब्धता पर पूरा जोर दिया जाएगा। गांव में हाट बाजार अबाधित रुप से संचालित हो।
कलेक्टर ने सभी एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार तथा अन्य अधिकारियों को मैदानी क्षेत्रों में लगातार भ्रमण करने, आमजनों से संवाद कायम रखने, मंडियों में नियमित पहुंचने, व्यवस्था पर नजर रखने, सूचना तंत्र मजबूत करने, गांव-चौपाल नियमित सुबह-शाम आयोजित करने तथा ग्राम पंचायतों के छोटे-छोटे ईश्यु को साल्व करने के निर्देश दिए। गर्मी के मद्देनजर मंडियों में किसानों को कम से कम ठहरना पड़े, इस हेतु सुनियोजित ढंग से उपज की खरीदी करने, मंडियों में किसानों के लिए पेयजल तथा अन्य व्यवस्था उपलब्ध कराने, मंडियों में सुबह तथा शाम में हम्मालों की उपलब्धता का वर्गीकरण करने, अधिकारियों को वीडियोग्राफी के लिए कैमरे साथ रखने के निर्देश दिए।

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