संसार के नाविक का नाम है सद्गुरु: मुनिराज
रतलाम 05 अगस्त (इ खबरटुडे)। समुद्र कितना ही बड़ा हो और जहाज हो, आपको चलाना भी आता हो, फिर भी नाविक तो रखना ही चाहिए। तूफान या और कोई अन्य विकट स्थिति आ जाए तो नाविक ही नैया पार करवा सकता है। संसाररुपी भवसागर में नाविक सद्गुरु होते हैं । गुरु का वन्दन शिष्य का धर्म है । धर्म का जो पालन करता है, वही मोक्ष को प्राप्त करता है ।
यह बात मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने जयन्तसेन धाम में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने उत्तराध्ययन सूर्त का वाचन करते हुए अनुशासन के प्रभाव पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि गुरु के सामने कभी बुद्धि का उपयोग नहीं करना चाहिए। गुरु का अनुशासन पालने वाले को ही सु-साधु कहा जाता है। अनुशासन नहीं मानने वाले कु-साधु होते हैं । अनुशासन जिसके जीवन में होता है, वही परमात्मा के शासन को प्राप्त कर सकता है। गुरु हमारे अनुकूल रहे, यह कभी न सोचें बल्कि सदैव गुरु के अनुकूल बनने का प्रयास करें। गुरु का अनुशासन सबको आगे बढ़ाता है। यह शुद्धत: आत्मा की शुद्धि के लिए होता है।
मुनिराजश्री ने धर्मसभा में उपस्थित श्रद्धालुओं को राह में किसी के चरण स्पर्श न करने का संकल्प भी दिलवाया। तपस्वी महेन्द्र गांग का बहुमान परिषद् के राष्ट्रीय महामंर्ती अशोक श्रीश्रीमाल, श्रेणिक लुणावत ने किया। दादा गुरुदेव की आरती का लाभ जयन्तीलाल दख (कालूखेड़ावाले) ने लिया। संचालन राजकमल जैन ने किया। उन्होंने बताया कि राजस्थान के सिरोही जिला में जीरावला पाश्र्वनाथ की प्रतिष्ठा के निमित्त पूरे भारत में 1 लाख 8 हजार तेले का अनुष्ठान 5 अगस्त से प्रारम्भ हुआ है। उन्होंने आगामी 7 अगस्त तक चलने वाले इस अनुष्ठान में अधिक से अधिक भाग लेने की अपील की।
राष्ट्रसन्तश्री की उपस्थिति में अष्टप्रकारी पूजा –
जयन्तसेन धाम में पंचान्हिका महोत्सव के दूसरे दिन श्री राजेन्द्रसूरि अष्टप्रकारी पूजा की गई। लालचंद रतनलाल सुराणा परिवार की ओर से आयोजित महोत्सव की इस पूजा में राष्ट्रसन्त वत्र्तमानाचार्य श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. मुनिमण्डल के साथ उपस्थित रहे। कई श्रद्धालुओं ने पूजा में भाग लेकर धर्मलाभ लिया।
परमात्मा का अभिषेक कल –
चातुर्मास आयोजक एवं विधायक चेतन्य काश्यप परिवार व श्री संघ के तत्वावधान में 7 अगस्त को सुबह 7.00 बजे जयन्तसेन धाम में श्री नेमिनाथ भगवान के जन्म एवं दीक्षा कल्याणक के उपलक्ष्य में परमात्मा का अभिषेक किया जाएगा। रविवार को सुबह 9.00 बजे राष्ट्रसन्तश्री की निश्रा में पापों का प्रक्षालन विषय पर विशेष प्रवचन होंगे। दोपहर 2.30 बजे चेतन्य काश्यप फाउण्डेशन द्वारा मेधावी विद्यार्थियों के लिए प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित होगा।