शिवराज की उदारता से स्वीकृत मदद का दो साल से इंतजार
कैंसर पीडीत के लिए स्वीकृत एक लाख अटके अफसरशाही में
रतलाम,8 अगस्त (इ खबरटुडे)। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की उदारता और संवेदनशीलता प्रदेश में व्याप्त लालफीताशाही और बाबूराज के चलते उपयोगिताविहीन हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज उदारता पूर्वक जरुरतमन्द लोगों की मदद करना चाहते है लेकिन अफसरशाही के उदासीन रवैये के कारण लोग लाभ पाने से वंचित है। ऐसा ही मामला रतलाम में देखा जा सकता है जहां एक कैंसर पीडीत युवक विगत दो वर्ष से स्वीकृत मदद मिलने की बाट जोह रहा है। मुख्यमंत्री ने कैंसर पीडीत के लिए एक लाख रु. दो वर्ष पहले स्वीकृत किए थे,जो उसे आज तक नहीं मिले।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कस्तुरबा नगर निवासी युवक देवेन्द्र तिवारी मुख के कैंसर से जुझ रहा है। राज्य के संवेदनशील उदार मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के 2010 में अपने स्वैच्छानुदान मद से आदेश क्रं. ए-7-3122010 एक (1) 21 अक्टूबर 10 को अनुक्रमांक (4) के द्वारा हरिप्रसाद तिवारी सुंदरवन कालोनी कस्तुरबानगर रतलाम को इनके पुत्र देवेन्द्र तिवारी के उपचार हेतु एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की थी। इसके तहत मुख्यमंत्री कार्यालय से अहदाबाद के गुजरात कैंसर एवं रिसर्च इंस्टीटयूट के पक्ष में रू. एक लाख का चैक भेजा जाना था। लेकिन सहायता राशि का यह चैक गुजरात कैंसर एवं रिसर्च इंस्टीटयूट अहमदाबाद के बजाए सीएचएल अपोलो इंदौर भेज दिया गया । बाद में जब आवेदक ने रतलाम प्रशासन से संपर्क किया तब उसे पता चला कि सहायता राशि का चैक अहमदाबाद के बजाय इन्दौर भेज दिया गया है। यह चैक लेने के लिए कैंसर पीडीत युवक स्वयं इन्दौर गया और सीएचएल अपोलो अस्पताल से उक्त चैक वापस लेकर आया।
यह चैक कैंसर पीडीत युवक ने रतलाम जिला प्रशासन को सौंपा ताकि उसे सही चैक प्रदान किया जा सके और वह अपना उपचार करवा सके,लेकिन तब से उक्त चैक सरकारी दफ्तरों की फाईलों में इधर से उधर घूम रहा है। कैसंर पीडीत युवक आज तक सही चैक का इंतजार कर रहा है,जिससे कि वह अपना उपचार करवा सके।
मुख्यमंत्री की मंशा और उदारता का मखौल इस प्रकार उड़ाया जाता है। मुख्यमंत्री स्वैच्छानुसार मद से स्वीकृत राशि मिल जाने की संभावना में कैंसर पीड़ित ने अपने शुभ चिंतकों से कर्ज लेकर गुजरात कैंसर एवं रिसर्च इंस्टीटयूट अहमदाबाद में अपना उपचार करवाया था। अहमदाबाद में हुए व्यय के सारे बिल उसने रेडक्रास सोसायटी रतलाम में जमा कर उपचार के लिए खर्च के कर्ज की अदायगी हेतु राशि की मांग की तो उसे भुगतान करने के बजाए बताया गया कि इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र भेजे गए है। पीडीत युवक को जिला कलेक्टर द्वारा भोपाल भेजे गए पत्र क्रं. 3807व लि11 दिनांक 3 अगस्त 11 एवं पत्र क्रमांक 588व लि12 दिनांक 15 मार्च 12 की प्रतिलिपियां प्रदान कर दी गई। उसे कहा गया कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय में इसके लिए सम्पर्क करें । आवेदक के उपचार के लिए सह्रदय मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृत राशि को रेडक्रास सोसायटी बैंक में जमा रखकर ब्याज हासिल कर रही है. वहीं कैंसर पीड़ित मुख्यमंत्री की उदारता और संवेदनशीलता का इंतजार 2010 से कर रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज की संवेदनशीलता अफसरशाही और बाबूराज की भेंट चढ रही है। यदि इसी तरह का सिलसिला चलता रहा तो तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं के बावजूद मुख्यमंत्री की उपलब्धियां शून्य हो जाएगी।