December 24, 2024

शिक्षा के माध्यम से संस्कार देते हैं सरस्वती विद्या मन्दिर

सरस्वती विद्या मन्दिर के पूर्व छात्रों का सम्मेलन आयोजित
रतलाम,८ जुलाई (इ खबरटुडे)। शिक्षा का उद्देश्य मात्र रोजगार हासिल करना या कैरियर बनाना नहीं बल्कि शिक्षा संस्कारवान पीढी तैयार करने का सशक्त माध्यम है। देश में संचालित किए जा रहे सरस्वती विद्या मन्दिर इसी लक्ष्य को लेकर चल रहे है। यह बात सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान के विलास गोले ने काटजू नगर स्थित सरस्वती विद्या मन्दिर में आयोजित पूर्व छात्र सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कही।

सरस्वती विद्या मन्दिर के पूर्व छात्रों द्वारा गठित पूर्व छात्र परिषद के इस विशीष्ट आयोजन में प्रशिक्षु आईपीएस गौरव तिवारी और श्री योगीन्द्र सागर इंस्टीट्यूट के समन्वयक उमेश शर्मा भी अतिथी के रुप में उपस्थित थे। सम्मेलन में बडी संख्या में सरस्वती विद्या मन्दिर के पूर्व छात्र एवं छात्राएं शामिल हुई।
पूर्व छात्रों को सम्बोधित करते हुए पूर्व छात्र परिषद के प्रवासी कार्यकर्ता विलास गोले ने कहा कि संस्कारवान पीढी तैयार करने से ही देश और समाज समृध्द हो सकता है। वर्तमान समय में शिक्षा को मात्र रोजगार प्राप्त करने का माध्यम मान लिया गया है। लेकिन यह ठीक नहीं है। शिक्षा के माध्यम से देशभक्ति और मानवता के संस्कार व्यक्ति में विकसित होना चाहिए। संस्कारयुक्त शिक्षा प्राप्त करने वाला व्यक्ति ही देश और समाज के हित में काम कर पाता है। संस्कारयुक्त शिक्षा मिलने के बाद देश और समाज का हित सर्वोपरि हो जाता है,अर्थोपार्जन इसके साथ ही किया जाता है।
छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए प्रशिक्षु आईपीएस गौरव तिवारी ने कहा कि व्यक्ति की शिक्षा का उपयोग यदि देश और समाज के हित में न हो तो ऐसी शिक्षा व्यर्थ है। उन्होने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को इस बारे में विचार करना चाहिए कि देश और समाज के विकास में वह क्या योगदान दे रहा है। जब सभी लोग यह विचार करने लगेंगे तभी देश का विकास संभव है। छात्र छात्राओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देते हुए श्री तिवारी ने कहा कि देशसेवा का जज्बा अगर दिल में हो तो कोई भी दबाव या बाधा आपको रोक नहीं सकती। उन्होने कहा कि एक पुलिस अधिकारी के सामने कई तरह की चुनौतियां और दबाव आते है लेकिन यदि मन में देश और समाज के लिए काम करने की भावना हो तो कोई दबाव असर नहीं करता। उन्होने कहा कि आईएएस और आईपीएस सेवाएं देशसेवा का अच्छा माध्यम है। सम्मेलन में मौजूद पूर्व छात्र छात्राओं ने श्री तिवारी से उनके अनुभवों और सिविल सर्विसेज परीक्षाओं के सम्बन्ध में कई प्रश्न किए।
प्रारंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत पूर्व छात्र परिषद के अध्यक्ष गौरव काकानी व अन्य पदाधिकारियों ने किया। इस अवसर पर पूर्व छात्र परिषद द्वारा अतिथियों को स्मृतिचिन्ह भी प्रदान किए गए।

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