November 25, 2024

लक्षचण्डी महायज्ञ की पूर्णाहुति, हजारों ने दी आहुतियां

एक करोड आहुतियों से हुई यज्ञ की पूर्णाहुति

रतलाम /नामली,28 मई (इ खबरटुडे)। नामली के पास ग्राम घटवास (नीलकण्ठ धाम) में सोमवार को 109 लक्षचण्डी महायज्ञ की पूर्णाहुति  हुई। पूर्णाहुति  में हजारों की संख्या में श्रृध्दालुओं ने यज्ञ में आहुतियां दी। पूर्णाहुति के पूर्व 1008  कन्याओं के चरणों की पूजा-अर्जनाा की गई। शाम को महाआरती के पश्चात महा प्रसादी का वितरण किया गया। इस महाप्रसादी में ग्राम घटवास सहित आस-पास के सभी गांवों से आए हजारों की संख्या में श्रृध्दालुओं ने प्रसादी ग्रहण की।विश्वशांति के लिए किए गए 109 लक्षचण्डी महायज्ञ का शुभारंभ 24 मई से हुआ था। 100 बीघा जमीन पर बने आयोजन स्थल पर श्री यंत्र पर उत्कीर्ण यज्ञ शाला बनाई गई। इस महायज्ञ में हजारों की संख्या में साधक एवं यजमानों द्वारा एक करोड़ आहुतियां दी गई सोमवार को इस महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई। सुबह से ही ग्राम घटवास में श्रृध्दालुओं का तांता देखा गया। इस महायज्ञ में सभी वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया। यहां न कोई बड़ा था और नहीं छोटा सभी ने यज्ञ में आहुति देकर पुण्य लाभ कमाया।

पं. दिनेश व्यास (गुरूजी) के नेतृत्व में हुए इस महायज्ञ की मुख्य उद्देश्य मनुष्यों की पाशविक वृत्तियों का संयमन हो, एकता भाईचारा, पर्यावरण का शोधन हो, विश्व मंगल, राष्ट्र समृध्दि, गौसेवा एवं जन कल्याण है।

यज्ञ सेवा समिति के तत्वाधान में रविवार को 1008  कलश यात्रा निकाली गई थी।  सोमवार को यज्ञ पूर्णाहुति के पूर्व यजमानों, अतिथियों, श्रृध्दालुओं ने1008  कन्याओं के चरणों की पूजा अर्चना की गई।   वहीं नीलकण्ठधाम में नवंबर माह से 10 महाविद्या का अनुष्ठान चल रहा था। इस अनुष्ठान की पुर्णाहूति भी आज गुरूजी के सानिध्य में हुई। महाआरती के पश्चात महा प्रसादी का वितरण किया गया। यहां 50 हजार से अधिक श्रृध्दालुओं ने महाप्रसादी ग्रहण की।

 

You may have missed